सोशल संवाद / डेस्क : असम के दिग्गज गायक और म्यूजिक कंपोजर जुबिन गर्ग अब हमारे बीच नहीं रहे। शुक्रवार, 19 सितंबर 2025 को उन्होंने सिंगापुर में आखिरी सांस ली। वह स्कूबा डाइविंग के दौरान हादसे का शिकार हुए थे। उनकी अचानक हुई मौत से पूरे असम और देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। लाखों फैन्स स्तब्ध हैं, जिन्हें उनके गाने और संगीत हमेशा याद रहेंगे।
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हादसे के बाद उठा सवाल – कैसे हुई मौत?
शुरुआत में जुबिन की मौत को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। किसी को सही जानकारी नहीं थी कि असल में हादसा कैसे हुआ। लेकिन अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस रहस्य पर से पर्दा हटा दिया है। उन्होंने बताया कि सिंगापुर सरकार द्वारा जारी डेथ सर्टिफिकेट में साफ लिखा गया है कि जुबिन की मौत डूबने (drowning) से हुई है।
अंतिम यात्रा और पार्थिव शरीर का आगमन
जुबिन गर्ग का पार्थिव शरीर 20 सितंबर को सिंगापुर से दिल्ली लाया गया। इसके बाद 21 सितंबर को विशेष विमान से असम पहुंचा। जैसे ही उनका शरीर गुवाहाटी एयरपोर्ट पर पहुंचा, हजारों की संख्या में लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने उमड़ पड़े।
उनकी पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग रोते हुए उनके शव से लिपट गईं। यह दृश्य देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं।
असम में राजकीय सम्मान और शोक
असम सरकार ने जुबिन की लोकप्रियता और योगदान को देखते हुए उनके अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान के साथ करने का ऐलान किया है।
- 23 सितंबर को गुवाहाटी के पास कमरकुची में उनका अंतिम संस्कार होगा।
- राज्य सरकार ने उनके स्मारक स्थल के लिए 10 बीघा जमीन देने का फैसला किया है।
- 20 से 22 सितंबर तक असम में राजकीय शोक मनाया जा रहा है।
क्यों जुबिन गर्ग असम की आत्मा माने जाते हैं?
जुबिन गर्ग सिर्फ एक सिंगर नहीं थे, बल्कि असम की पहचान थे। उन्होंने असम की संस्कृति और भाषा को संगीत के जरिए पूरी दुनिया तक पहुंचाया।
- उन्होंने असमिया और बंगाली भाषा में अनगिनत हिट गाने दिए।
- हिंदी सिनेमा में उनका ‘या अली’ (फिल्म गैंगस्टर, 2006) और ‘दिल तू ही बता’ (फिल्म क्रिश 3) जैसे गाने आज भी चार्टबस्टर माने जाते हैं।
- उनकी आवाज में लोकसंगीत और आधुनिक धुनों का अनोखा मेल था।
जनता और फैन्स का दर्द
असम की जनता जुबिन को केवल गायक नहीं, बल्कि परिवार का सदस्य मानती थी। यही वजह है कि उनके निधन की खबर सुनते ही असम में मातम छा गया।
- गुवाहाटी में हर गली-नुक्कड़ पर लोग शोकसभा आयोजित कर रहे हैं।
- असम के युवाओं के बीच जुबिन “रॉकस्टार ऑफ नॉर्थ ईस्ट” कहलाते थे।
- उनकी अंतिम यात्रा में लाखों लोगों के शामिल होने की संभावना है।
बॉलीवुड और म्यूजिक इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कई सिंगर्स और एक्टर्स ने जुबिन की मौत पर गहरा दुख जताया।
- संगीतकारों ने कहा कि जुबिन की आवाज ने नॉर्थ ईस्ट को पहचान दिलाई।
- गायिका श्रेया घोषाल और अभिनेता रणदीप हुड्डा ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी।
जुबिन की विरासत
- 30 साल से ज्यादा का संगीत करियर।
- 20 से ज्यादा एल्बम और अनगिनत सुपरहिट गाने।
- असम और नॉर्थ ईस्ट की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा।
उनकी आवाज अब भले ही खामोश हो गई हो, लेकिन उनकी धुनें और गाने अमर रहेंगे।
FAQ – जुबिन गर्ग की मौत और विरासत
Q1. जुबिन गर्ग की मौत कब और कहां हुई?
19 सितंबर 2025 को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान।
Q2. असली मौत का कारण क्या था?
सिंगापुर सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार – डूबने से मौत।
Q3. उनका अंतिम संस्कार कब और कहां होगा?
23 सितंबर 2025, गुवाहाटी के पास कमरकुची में राजकीय सम्मान के साथ।
Q4. असम सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
3 दिन का राजकीय शोक, अंतिम संस्कार के लिए 10 बीघा जमीन, और पूरे राज्य में श्रद्धांजलि कार्यक्रम।
Q5. जुबिन गर्ग के सबसे मशहूर गाने कौन से हैं?
‘या अली’ (गैंगस्टर), ‘दिल तू ही बता’ (क्रिश 3), और उनके असमिया लोकगीत।








