सोशल संवाद / डेस्क : बिहार कोकिला के नाम से जानी जाने वाली शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। पद्म भूषण से सम्मानित लोक गायिका शारदा सिन्हा ने 72 वर्ष की उम्र में मंगलवार रात 9:20 बजे एम्स में अंतिम सासें ली। वह छह वर्षों से ब्लड कैंसर से पीड़ित थीं और तबीयत बिगड़ने पर 26 अक्टूबर को उन्हें एम्स में कैंसर सेंटर के मेडिकल आंकोलोजी वार्ड में भर्ती कराया गया था। शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन सिन्हा ने मां के ही एक्स अकाउंस पर पोस्ट करते हुए उनके निधन की जानकारी दी।
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आपको बता दें कि शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन ने ही अपने यूट्यूब चैनल पर मां की तबीयत के बारे में बताया था।उन्होंने कहा था कि वे वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। अंशुमन ने फैंस से शारदा सिंह के लिए दुआएं करने की भी अपील की थी। उनकी हालत में सुधार हो रहा था, लेकिन सोमवार देर शाम तबीयत फिर बिगड़ गई और दोबारा आइसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। एम्स ने बयान जारी कर कहा है कि रेफ्रेक्टरी शॉक व सेप्टिसीमिया के कारण उनका निधन हुआ। बुधवार को उनका पार्थिव शरीर विमान से पटना ले जाया जाएगा। वहीं उनका अंतिम संस्कार होगा।
शारदा सिन्हा ने छठ के कई गाने गाए। शारदा सिन्हा के गाये छठ गीत अभी भी हर तरफ बजते हैं । सिंगर ने जाते-जाते सभी श्रोताओं को छठ का तोहफा दिया। उनके कुछ प्रमुख गीतों में ‘छठी मैया आई ना दुआरिया’ ‘कार्तिक मास इजोरिया’, ‘द्वार छेकाई’, ‘पटना से’, और ‘कोयल बिन’ शामिल थे। इसके अलावा उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में भी गाना गया था। इनमें ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर- टू’ के ‘तार बिजली’, ‘हम आपके हैं कौन’ के ‘बाबुल’ और ‘मैंने प्यार किया’ के ‘कहे तो से सजना’ जैसे गाने शामिल हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि बिहार कोकिला, पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित स्वर्गीय शारदा सिन्हा जी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी पटना को निर्देश दिया है कि राजकीय सम्मान के साथ स्वर्गीय शारदा सिन्हा जी के अंतिम संस्कार हेतु सभी आवश्यक व्यवस्था ससमय सुनिश्चित करेंगे। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शारदा सिन्हा के निधन पर शोक जाहिर किया है। उन्होंने दिवंगत सिंगर के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए लंबा नोट लिखा है।