सोशल संवाद/डेस्क/Cable Suspension Bridge: बिहार के पटना जिले के पुनपुन नदी किनारे, विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष घाट के पास, राज्य का पहला लाइट व्हीकल केबल सस्पेंशन ब्रिज तेजी से बनकर तैयार हो रहा है। ऋषिकेश के प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला की तर्ज पर बनाए जा रहे इस पुल का अब तक 80 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। राज्य सरकार ने बचे हुए 20 प्रतिशत कार्य के लिए 82.90 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है, जिससे कार्य में तेजी लाई जा रही है। अनुमान है कि सितंबर 2025 में शुरू हो रहे पितृपक्ष मेले से पहले इस पुल का उद्घाटन कर दिया जाएगा।
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इस ब्रिज की लंबाई 325 मीटर और चौड़ाई 11.5 मीटर है। पुल में 18 मजबूत केबल्स और 100 फीट ऊंचा पायलन बनाया गया है, जिससे इसकी बनावट आकर्षक और टिकाऊ दोनों बनती है। यह ब्रिज केवल हल्के वाहनों और दोपहिया के लिए खोला जाएगा, जबकि ओवरलोडेड वाहन और ट्रैक्टरों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। पुल के एक छोर की एप्रोच रोड का निर्माण पूरा कर लिया गया है, जबकि दूसरे छोर पर तेजी से काम जारी है।
इस पुल के बन जाने से पटना से पितृपक्ष घाट तक सीधी और सुगम पहुंच संभव हो जाएगी। अब श्रद्धालुओं को पटना-गया रोड से लंबा चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। विशेष रूप से पितृपक्ष मेले के दौरान, जब लाखों श्रद्धालु पिंडदान और तर्पण के लिए यहां आते हैं, यह पुल भीड़ को मैनेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह परियोजना 26 जनवरी 2019 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा घोषित की गई थी और अब यह अपने अंतिम चरण में है। पुल को देखकर पर्यटकों को ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला की याद आएगी, जिससे पुनपुन में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
पुनपुन को लेकर धार्मिक मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पहला पिंडदान यहीं किया जाता है, और इसे प्रथम अंतरराष्ट्रीय पिंडदान स्थल के रूप में जाना जाता है। इसके बाद ही श्रद्धालु गया में पिंडदान की प्रक्रिया पूरी करते हैं। ऐसे में यह पुल धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। यह पुल न केवल स्थानीय लोगों के लिए राहत लेकर आएगा, बल्कि बिहार के धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान भी बनाएगा।








