सोशल संवाद / डेस्क : CBSE बोर्ड परीक्षा का नियम बदल रहा है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) 10वीं की बोर्ड परीक्षा 2026 से साल में 2 बार कराएगा । केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय मीटिंग में सीबीएसई को दो बार बोर्ड एग्जाम की स्कीम तैयार करने को कहा था। सीबीएसई ने मंगलवार को ड्राफ्ट पॉलिसी जारी कर दी है, जिस पर 9 मार्च तक सुझाव मांगे गए हैं। पहली परीक्षा 17 फरवरी 2026 से 6 मार्च 2026 तक, दूसरी 5 से 20 मई 2026 तक होगी।
यह भी पढ़े : झारखंड के राशन कार्डधारकों के लिए गुड न्यूज, सरकार ने बढ़ायी राशन कार्ड के E-KYC कराने की तिथि
बोर्ड ने यह फैसला बच्चों के एग्जाम स्ट्रेस को देखते लिया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि JEE की तरह 2 बार परीक्षा से बच्चों को मानसिक तौर पर फायदा होगा। अगर आप ये सोच रहे हैं कि दो बार एग्जाम का अर्थ यह है कि आधा सिलेबस पहली परीक्षा में और फिर बचा हुआ आधा दूसरी परीक्षा में, तो बता दें कि ऐसा नहीं है। दोनों परीक्षाएं पूर्ण पाठ्यक्रम पर आयोजित की जाएंगी। स्टूडेंट्स के पास 3 ऑप्शन होंगे- 1. साल में एक बार परीक्षा दें। 2. दोनों परीक्षाओं में शामिल हों। 3. किसी सब्जेक्ट में अच्छा परफॉर्म न कर पाने पर, दूसरी परीक्षा में उस विषय का दोबारा एग्जाम दें।जो स्टूडेंट्स दोनों बार बोर्ड एग्जाम में शामिल होंगे, उनका वो रिजल्ट फाइनल माना जाएगा, जो बेहतर होगा। यानी अगर दूसरी बार एग्जाम देने पर नंबर घट जाएंगे, तो पहली परीक्षा के नंबर ही फाइनल माने जाएंगे।
आपको बता दे 10वीं के लिए सप्लीमेंट्री एग्जाम अब खत्म कर दिया जाएगा। सीबीएसई दसवीं में छात्र लिखित परीक्षा तो दो बार दे सकेंगे, लेकिन प्रैक्टिकल व इंटरनल असेसमेंट एक ही बार होगा। अलग-अलग विषयों में होने वाले प्रैक्टिकल व इंटरनल असेसमेंट के जो नंबर मिल जाएंगे, उसे लिखित परीक्षा के बेस्ट स्कोर में जोड़कर रिजल्ट जारी किया जाएगा।
पहली परीक्षा के लिए जो परीक्षा केंद्र तय किए जाएंगे, वही एग्जाम सेंटर दूसरी परीक्षा के लिए भी आवंटित किए जाएंगे। पहली/दूसरी परीक्षाएं भी पूरक परीक्षाओं के रूप में काम करेंगी। किसी भी परिस्थिति में कोई विशेष परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। पहली परीक्षा के परिणाम के बाद कोई पासिंग डॉक्यूमेंट जारी नहीं किया जाएगा। पहली परीक्षा का रिजल्ट डिजिलॉकर में उपलब्ध कराया जाएगा। यदि छात्र दूसरी परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहता है तो इसका उपयोग 11वीं कक्षा में प्रवेश के लिए किया जा सकता है। सभी अभ्यर्थियों को दोनों परीक्षा परिणाम के बाद मार्कशीट मिलेगी।
LOC जमा करने के बाद कोई भी विषय नहीं बदला जाएगा। यदि कोई छात्र LOC जमा करने के बाद विषय बदलना चाहता है, तो उसे केवल दूसरी परीक्षा में ही अनुमति दी जाएगी। ऐसे छात्र पहली परीक्षा के दौरान उस विषय में उपस्थित न होने का विकल्प चुन सकते हैं। यदि वे पहली परीक्षा में उपस्थित होते हैं, तो उन्हें दूसरी परीक्षा में विषय बदलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
प्रथम परीक्षा के लिए LOC भरना अनिवार्य होगा। प्रथम परीक्षा के लिए LOC भरते समय दोनों परीक्षाओं का विकल्प LOC में प्राप्त किया जाएगा। द्वितीय परीक्षा के LOC में कोई नया नाम नहीं जोड़ा जाएगा।
साल 2026 में सीबीएसई कक्षा 10वीं की परीक्षा में लगभग 26.60 लाख छात्रों के शामिल होने की उम्मीद है। आगे भी सीबीएसई 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं हर वर्ष 15 फरवरी और 5 मई के बाद पहले मंगलवार को शुरू होंगी। साल में दो बार 10वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के प्रस्ताव का उद्देश्य छात्रों को अपने प्रदर्शन में सुधार करने का मौका प्रदान करना है, जिससे उन पर एग्जाम का प्रेशर और स्ट्रेस कम हो सके।
