सोशल संवाद/डेस्क: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में बच्चों की तस्करी का गंभीर मामला सामने आया है। पुलिस ने अच्छी शिक्षा और बेहतर जीवन का झांसा देकर 27 बच्चों को नेपाल ले जाने के आरोपों की जांच शुरू कर दी है। मामले में यह भी आरोप लगाया गया है कि बच्चों का दूसरे धर्म में परिवर्तन कराने का प्रयास किया गया।

यह भी पढ़ें: Jharkhand में बिजली दर 59% तक बढ़ाने का प्रस्ताव, जेबीवीएनएल ने जेएसईआरसी में रखी मांग
पुलिस अधीक्षक अमित रेणु ने बताया कि यह घटना तब उजागर हुई, जब तस्करों के चंगुल से भागकर दो बच्चे किसी तरह अपने घर लौटने में सफल रहे। घर पहुंचने के बाद उन्होंने अपने माता-पिता को पूरी आपबीती सुनाई, जिसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई।
एसपी अमित रेणु ने बताया कि जांच के तहत पुलिस की एक टीम को दोनों बच्चों के गांव भेजा गया। जांच में पता चला कि उसी गांव के 11 अन्य बच्चों को भी बहला-फुसलाकर नेपाल ले जाया गया था। इनमें से चार बच्चे बुधवार को वापस लौट आए हैं, जबकि पांच बच्चे अब भी नेपाल में फंसे हुए हैं। जिला प्रशासन उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
एसपी ने यह भी बताया कि जिले के अन्य इलाकों से 16 बच्चों के बारे में भी इसी तरह की जानकारी सामने आई है, हालांकि अब तक इस संबंध में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। पुलिस ने कथित तस्करी के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है, लेकिन जांच प्रभावित होने का हवाला देते हुए अधिकारियों ने फिलहाल अधिक जानकारी देने से इनकार किया है।
मामले में यह भी आरोप लगाया गया है कि बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के नाम पर नेपाल ले जाकर बेच दिया गया। इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन से मांग की जा रही है कि नेपाल में फंसे सभी बच्चों को सुरक्षित वापस लाया जाए और इस पूरे मामले में शामिल दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।








