---Advertisement---

राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में कांग्रेस ने की न्यायिक जांच की मांग

By Muskan Thakur

Updated On:

Follow
राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में कांग्रेस

Join WhatsApp

Join Now

सोशल संवाद/डेस्क : इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में दवाइयों की खरीद में भारी भ्रष्टाचार किया गया है।

ये भी पढे : Bihar Elections 2025: राबड़ी आवास के बाहर प्रदर्शन, विधायक रेखा पासवान पर भ्रष्टाचार का आरोप

टीकाराम जूली ने बताया कि राजस्थान में कफ सिरप से अब तक चार मौतें हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार कफ सिरप से बच्चों की मौत होने की बात मानने को तैयार नहीं है। राजस्थान में चिकित्सा मंत्री ने कफ सिरप में गड़बड़ी होने से इंकार कर दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि जिन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है या जिनकी विश्वसनीयता पर पहले से ही सवाल उठते रहे हैं, उनसे सरकारें दवाइयों की आपूर्ति क्यों ले रही हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने कार्रवाई करने के बजाय केवल कमेटी बना दी, जिसका उद्देश्य मामले को भटकाना और ठंडा करना है।

टीकाराम जूली ने कहा कि राजस्थान सरकार ने अभी तक ज़मीनी स्तर पर कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाने का कोई आदेश जारी नहीं किया, न ही ऑनलाइन रिकॉर्ड होने के बावजूद यह पता लगाने के लिए कोई सर्वे किया कि यह सिरप किस-किस को दी गई है। उन्होंने जयपुर के एसएमएस अस्पताल के आईसीयू में आग लगने की घटना का भी ज़िक्र किया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल का स्टाफ मरीजों को सुरक्षित निकालने की अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय वहां से भाग गया और चिकित्सा मंत्री भी अग्निकांड के 24 घंटे बाद अस्पताल पहुंचे।

वहीं उमंग सिंघार ने कहा कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप से 16 बच्चों की मौत हो गई। स्थानीय विधायक ने शुरुआत में ही मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और कलेक्टर को पत्र लिखकर जांच की मांग की, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने बच्चों की मौत के बीच मुख्यमंत्री के काजीरंगा पार्क में हाथियों के साथ मौज-मस्ती को लेकर तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम ने कफ सिरप से कोई मृत्यु नहीं होने की बात कही और सिरप बनाने वाली कंपनी को क्लीनचिट दे दी।

उन्होंने कहा कि किडनी फेल होने से बच्चों की एक के बाद एक मौत के बावजूद संबंधित टेस्ट नहीं करवाए गए। उन्होंने सवाल उठाया कि दवा कंपनियां सरकार के साथ मिलकर परासिया जैसे आदिवासी क्षेत्रों और छोटे जिलों में व्यापार कर रही हैं, तो क्या सरकार के मंत्री ऐसी कंपनियों से हिस्सा ले रहे हैं? उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार ने 3 अक्टूबर 2025 को कफ सिरप को लेकर एडवाइजरी जारी की थी, लेकिन इसके बावजूद मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार नहीं जागी। उन्होंने इसके पीछे भारी भ्रष्टाचार को कारण बताया। उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवारों के एक-एक सदस्य को नौकरी के साथ इलाज में खर्च हुई राशि देने की भी मांग की।

सिंघार ने मध्य प्रदेश के एक अस्पताल में नवजात शिशुओं को चूहों द्वारा खाए जाने जैसी विचलित करने वाली घटना का ज़िक्र किया और राज्य में राष्ट्रीय औसत से अधिक कुपोषण का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने पोषण आहार योजना में बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा किया। उन्होंने बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर भी प्रदेश सरकार को घेरा।

YouTube Join Now
Facebook Join Now
Social Samvad MagazineJoin Now
---Advertisement---

Exit mobile version