सोशल संवाद / रांची : झारखंड में जमीन की अवैध खरीद-बिक्री से जुड़े बहुचर्चित सीएनटी एक्ट उल्लंघन मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने राज्य के पूर्व मंत्री एनोस एक्का समेत 10 आरोपियों को दोषी करार दिया, जबकि एक आरोपी गोवर्धन बैठा को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। दोषियों की सजा पर बहस 30 अगस्त 2025 को विशेष अदालत में होगी।

यह भी पढ़े : बोलानी अस्पताल मे एक इमरजेंसी रूम का हुआ उद्घाटन
अदालत ने सुनाया फैसला
यह मामला करीब 15 साल पुराना है। सीबीआई की विशेष अदालत ने अपने फैसले में एनोस एक्का, उनकी पत्नी मेनन एक्का, रांची के तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात, राज किशोर सिंह, फिरोज अख्तर, ब्रजेश मिश्रा, अनिल कुमार, मणिलाल महतो, परशुराम केरकेट्टा और ब्रजेश्वर महतो को दोषी पाया।
पूर्व मंत्री पर गंभीर आरोप
पूर्व मंत्री एनोस एक्का पर आरोप है कि उन्होंने मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया और फर्जी पते के आधार पर आदिवासी जमीन की खरीद-बिक्री कराई। इस दौरान कई प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई थी।
जमीन खरीद का पूरा मामला
जांच में सामने आया कि 2006 से 2008 के बीच एनोस एक्का की पत्नी मेनन एक्का के नाम पर रांची और आसपास के क्षेत्रों में कई जमीनों की खरीदारी की गई। इसमें हिनू में 22 कट्ठा, ओरमांझी में 12 एकड़, नेवरी में 4 एकड़ और चुटिया के सिरम टोली मौजा में 9 डिसमिल जमीन शामिल है।
अगली सुनवाई
दोषियों की सजा पर बहस और फैसला 30 अगस्त 2025 को रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में होगा।








