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पेट्रोल-डीजल पर ₹15 लीटर कमा रहीं कंपनियां : लेकिन रेट नहीं घटा रहीं; कच्चा तेल चार साल के निचले स्तर पर

By Tamishree Mukherjee

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सोशल संवाद/डेस्क : कच्चे तेल की कीमतें चार साल के सबसे निचले स्तर (65.41 डॉलर प्रति बैरल) आ गई हैं। इससे पहले अप्रैल 2021 में दाम 63.40 डॉलर प्रति बैरल थे। इस गिरावट से पेट्रोल-डीजल रिफाइन करने पर होने वाली कमाई ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया है।

रेटिंग एजेंसियों के अनुसार मौजूदा समय में तेल कंपनियों को पेट्रोल पर प्रति लीटर ₹12-15 और डीजल पर ₹6.12 का मुनाफा हो रहा है। इसके बावजूद, तेल कंपनियों ने पिछले एक साल से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई कटौती नहीं की है।

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हाल ही में संभावना थी कि तेल कंपनियां दाम घटाएंगी। लेकिन सरकार ने ₹2 लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी। इसकी आड़ में कंपनियां दाम घटाने से बच गईं। लंबे समय से तेल कंपनियां घाटे का हवाला देकर दामों में कटौती से बच रही हैं।

जबकि, हकीकत ये है कि पिछले 5 सालों में 7 बड़ी तेल-गैस कंपनियों में केवल एक आईओसी को एक बार 2019-20 में मामूली घाटा हुआ था। इसे छोड़ दिया जाए तो ये कंपनियां साल दर साल भारी मुनाफा कमा रही हैं। केंद्र सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय की पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के अनुसार, पेट्रोल-डीजल से केंद्र और राज्य सरकारों ने 5 साल में 35 लाख करोड़ जुटाए हैं।

केंद्र को कुल ₹21.4 लाख करोड़ की कमाई हुई

केंद्र को एक्साइज ड्यूटी, कंपनियों के लाभांश और आयकर से कुल ₹21.4 लाख करोड़ की कमाई हुई और राज्य सरकारों के वैट और लाभांश में हिस्सेदारी के रूप में ₹13.6 लाख करोड़ मिले। 2023-24 में 7 बड़ी तेल कंपनियों ने 2.29 लाख करोड़ मुनाफा कमाया। इन्हें पिछले 5 साल से लगातार मुनाफा हो रहा है। सिर्फ आईओसी को 2019-20 में 934 करोड़ रु. का घाटा हुआ था। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा ₹2.86 लाख करोड़ का लाभ कमाया। ओएनजीसी दूसरे पर रही। इन तेल कंपनियों में 2019-20 से 2023-24 के बीच कुल ₹7 लाख करोड़ से भी ज्यादा का लाभ कमाया। पर ग्राहकों को ज्यादा राहत नहीं दी।

सब्सिडी खर्च की 85% भरपाई पेट्रोल-डीजल से हो रही

2024-25 में राज्य सरकारों का सब्सिडी बिल ₹4.7 लाख करोड़ रहा। केंद्र की कुल सब्सिडी इस वर्ष ₹3.81 लाख करोड़ थी। दोनों को मिलाकर देश में कुल सब्सिडी ₹8.51 लाख करोड़ की रही। इसके एवज में राज्यों को पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से ₹3.2 लाख करोड़ और केंद्र को ₹4 लाख करोड़ मिले।

दोनों को मिलाकर कुल कमाई ₹7.2 लाख करोड़ रही। यानी केंद्र-राज्य सरकारों ने जो सब्सिडी बांटी उसका करीब 85% हिस्सा पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर ही वसूल लिया। केंद्र व राज्य सरकारों के लिए पेट्रोल-डीजल आय का बड़ा जरिया हैं।

पेट्रोल पर प्रति लीटर करीब ₹22 टैक्स ले रहा है केंद्र 

पेट्रोल पर केंद्र सरकार₹ 21.90 टैक्स लेती है। दिल्ली की सरकार ₹15.39 वैट लेती है। कुल टैक्स ₹37.30 लीटर है। डीजल पर केंद्र सरकार ₹17.80 प्रति लीटर केंद्र सरकार लेती है। दिल्ली सरकार वैट के रूप में ₹12.83 लीटर ले रही है।

दोनों को मिलाकर कुल टैक्स ₹30.63 लीटर है। देश में हर माह हर व्यक्ति की पेट्रोल की खपत औसतन 2.80 लीटर और डीजल की 6.32 लीटर/माह है। यानी वह पेट्रोल पर हर माह ₹104.44 और डीजल ₹193.58 हर माह टैक्स देता है। दोनों को मिलाकर प्रतिमाह ₹298 होता है।

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