सोशल संवाद/डेस्क: Congress ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए इसे धीमे जहर की संज्ञा दी है।
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इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा दिल्ली का प्रदूषण पिछले छह-सात सालों से हर सीमा लांघ चुका है। इससे नागरिक की आयु छह-सात साल तक कम हो रही है और बीमार व्यक्ति को खतरा ज्यादा है। उन्होंने कहा कि अगर कोई किसी को धीमा जहर देकर उसका जीवन कम कर दे, तो उस पर हत्या का आरोप लगेगा।
पराली के नाम पर राजनीति करने वालों पर निशाना साधते हुए दीक्षित ने कहा कि जब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं थी तो अरविंद केजरीवाल पंजाब को दोषी ठहराते थे। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आ गई तो वह उत्तर प्रदेश-हरियाणा को दोषी ठहराने लगे। अब दिल्ली में भाजपा की सरकार आ गई है तो वह पंजाब को दोषी बता रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की भाजपा और पंजाब की आप सरकार के आरोप-प्रत्यारोप के बीच सामान्य व्यक्ति पिस रहा है। सरकारों के छलावे से दिल्ली के लोग त्रस्त हैं।
कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि पराली जलाना और दीवाली के पटाखे सिर्फ सर्दियों में थोड़ा-बहुत असर डालते हैं, मगर प्रदूषण के ये बड़े कारण नहीं हैं। असली कारण तो वे हैं जो साल भर बने रहते हैं। उन्होंने उन प्रमुख कारणों पर ध्यान केंद्रित किया, जो सीधे तौर पर सरकार की जिम्मेदारी के दायरे में आते हैं और कहा कि दिल्ली सरकार व आस-पास के राज्यों की सरकारें किसानों, हवा या जनसंख्या को दोष देकर अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकतीं।
उन्होंने बताया कि कुल प्रदूषण का 30-45 प्रतिशत हिस्सा वाहनों से होता है। मजबूत सड़क इंफ़्रास्ट्रक्चर विकसित करने में सरकार की नाकामी के कारण दिल्ली में टूटी-फूटी सड़कों की वजह से ट्रैफिक की औसत रफ्तार 35-40 किमी प्रति घंटा से घटकर अब केवल 15-20 किमी प्रति घंटा रह गई है। इससे वाहनों से होने वाला प्रदूषण कई गुना बढ़ गया है।
दीक्षित ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कमी से बढ़ रहे प्रदूषण की तरफ भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि 2013-14 की तुलना में आज आधी बसें भी नहीं चल रही हैं। उस समय डीटीसी की दैनिक सवारियां 40-41 लाख थीं, जो अब घटकर 30-32 लाख रह गई हैं, इसी अवधि में आबादी 30-40 प्रतिशत बढ़ चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि मेट्रो विस्तार में ठहराव आ गया है। फेज फोर की योजना 10-12 साल पहले बनने के बावजूद, नई प्लानिंग और नए रूट्स पर कोई प्रगति नहीं हुई है। यही वजह है कि निजी वाहनों की संख्या बढ़ गई है।
कांग्रेस नेता ने दिल्ली में अवैध तरीके से चल रही हजारों फैक्ट्रियों से निकल रहे प्रदूषण को लेकर भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2006-07 में शीला दीक्षित सरकार ने जो सख्ती की थी, उसका नामोनिशान नहीं है और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग दिल्ली से हटाए गए थे, वैसे कड़े कदम आज सरकार उठाना नहीं चाहती। उन्होंने बढ़ते प्रदूषण के लिए जगह-जगह कूड़े के ढेर में लगाई जा रही आग को भी जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ये एमसीडी के निकम्मेपन का परिणाम है।
उन्होंने पूछा कि वेस्ट सेग्रीगेशन (कचरा अलग करना) की आदत को बढ़ावा देने वाले अभियान को क्यों रोक दिया गया, जबकि इससे प्रदूषण घटाने वाले कचरा प्रबंधन समाधान विकसित किए जा सकते थे। वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट्स को केजरीवाल ने कैंसर फैलाने वाला बताकर बंद करवा दिया। निर्माण स्थलों पर डस्ट कंट्रोल के पूर्ण अभाव से भी प्रदूषण फैल रहा है।
दीक्षित ने याद दिलाया कि 2003-05 में दिल्ली में सीएनजी क्रांति हुई थी। उन्होंने प्रदूषण के मुद्दे पर राहुल गांधी द्वारा किए संवाद का जिक्र करते हुए कहा कि वायु प्रदूषण एक राष्ट्रीय समस्या है और इस पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करे। उन्होंने दिल्ली सरकार-एलजी से अपील की प्रदूषण से मुक्ति को जन-आंदोलन बनाया जाए और साथ ही वाहन प्रदूषण कम करने के लिए सड़क इंफ़्रास्ट्रक्चर व सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क विकसित करने में निवेश किया जाए।








