सोशल संवाद / नई दिल्ली : कांग्रेस ने देशभर में जिला स्तर पर पार्टी के संगठन को मजबूत करने की कवायद तेज कर दी है। बुधवार को पार्टी मुख्यालय इंदिरा भवन में हुई एआईसीसी महासचिवों और राज्य प्रभारियों की बैठक में इसे लेकर विस्तार से चर्चा हुई। सात घंटे तक चली बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने की। बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ पार्टी के सभी प्रभारियों ने हिस्सा लिया।
बैठक की शुरुआत करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी द्वारा मतदाता सूची में हेराफेरी को लोकतंत्र पर सीधा हमला करार दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा पर भी निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार वहां भारतीयों के अपमान का उचित विरोध दर्ज कराने में विफल रही। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका भारतीय नागरिकों को हथकड़ी लगाकर वापस भेज रहा है और मोदी सरकार इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। इसके अलावा, उन्होंने देश में महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर भी सरकार की नीतियों को पूरी तरह असफल बताया।
महासचिवों और राज्य प्रभारियों की बैठक का ब्यौरा देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पत्रकारों को बताया कि बेलगावी प्रस्ताव का अनुपालन करते हुए कांग्रेस द्वारा पूरे देश के हर राज्य, हर जिले एवं हर प्रखंड में एक वर्ष तक ‘संविधान बचाओ राष्ट्रीय यात्रा’ निकाली जाएगी, जो एक “रिले यात्रा” की तरह होगी। उन्होंने यह भी बताया कि एआईसीसी का अगला अधिवेशन इस साल अप्रैल माह के पहले दस दिनों में गुजरात में आयोजित किया जाएगा।
जयराम रमेश ने बताया कि बेलगावी में आयोजित हुई नवसत्याग्रह बैठक के अनुसार साल 2025 में संगठन पर फोकस होगा, जहां कांग्रेस ने संगठन सृजन कार्यक्रम की घोषणा की थी। इसी संबंध में महासचिवों और प्रभारियों की बैठक में देशभर की लगभग 800 जिला कांग्रेस समितियों को मजबूत करने पर विस्तृत चर्चा हुई। उनकी जवाबदेही एवं जिम्मेदारियां क्या हों, उनसे क्या अपेक्षा की जा सकती है और उन्हें कैसे अधिकार दिए जा सकते हैं, इसे लेकर विचार-विमर्श हुआ। अब से कांग्रेस के सभी 30 प्रभारी इंदिरा भवन में बैठा करेंगे और धीरे-धीरे यहां से नई ऊर्जा एवं नए संकल्प के साथ नई कांग्रेस उभरकर आएगी।
कांग्रेस महासचिव ने बताया कि बैठक में भाजपा द्वारा लगातार संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का मुद्दा भी उठा। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा भारत के चुनाव आयोग को कमजोर किया जा रहा है। बैठक में मतदाता सूची में हेराफेरी पर भी चर्चा हुई कि कि किस तरह हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली व अन्य जगहों पर बड़ी संख्या में फर्जी वोट जोड़े गए और असली वोट काटे गए। उन्होंने कहा कि यह देश के लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
जयराम रमेश ने आगे कहा, चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि वह राजनीतिक दलों को मतदाता सूची ऐसे प्रारूप में उपलब्ध कराए, जिससे उसका विस्तार से विश्लेषण किया जा सके। लेकिन चुनाव आयोग प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के इशारे पर चल रहा है। यह संविधान पर आक्रमण है और संविधान का अपमान है।