सोशल संवाद / नई दिल्ली : कांग्रेस ने देश में जल्द से जल्द जाति जनगणना कराने के साथ इसकी समयसीमा तय करने की अपनी मांग दोहराई है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह बिना किसी समयसीमा के केवल सुर्खियां बनाने में माहिर हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने खबर का शीर्षक तो दिया, लेकिन कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की मांग का हवाला देते हुए जयराम रमेश ने कहा कि जाति जनगणना जल्द से जल्द होनी चाहिए। कांग्रेस महासचिव ने जाति जनगणना पर मोदी सरकार के यू-टर्न के पीछे की असली मंशा को लेकर कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि साल 2021 में जनगणना होनी चाहिए थी, लेकिन कोरोना का बहाना बनाकर यह काम नहीं किया गया। जबकि उस समय भी दुनिया के 50 से अधिक देशों ने जनगणना कराई थी। कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की मांग की, लेकिन 11 साल तक नरेंद्र मोदी ने इस पर चुप्पी नहीं तोड़ी। हाल के दिनों तक भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी जाति जनगणना का विरोध करते रहे हैं। प्रधानमंत्री ने जाति जनगणना की बात करने वालों को शहरी नक्सली कहा था। उन्होंने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी अब शहरी नक्सली बन गए हैं।
जयराम रमेश ने कहा कि दिसंबर 2019 में जब कैबिनेट ने 2021 में जनगणना कराने की घोषणा की थी, तब इस उद्देश्य के लिए 8,254 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। उन्होंने कहा कि इसकी तुलना में मौजूदा बजट में जनगणना कराने के लिए जिम्मेदार जनगणना आयुक्त को महज 575 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने पूछा कि इतनी कम राशि में जनगणना कैसे हो सकती है, जबकि अब इसके लिए और अधिक बजट की जरूरत है। ऐसे में सरकार के इरादे पर कई सवाल उठते हैं।
कांग्रेस महासचिव ने केंद्र सरकार से जाति जनगणना कराने की दिशा में आगे बढ़ने और राज्य सरकारों को विश्वास में लेने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री देश को आश्वस्त करें कि न केवल जाति जनगणना की जाएगी, बल्कि इसके बाद की अनुवर्ती कार्रवाई भी की जाएगी।
जयराम रमेश ने एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर पचास प्रतिशत की सीमा को हटाने के लिए संविधान में संशोधन करने की पार्टी की मांग को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना तभी सार्थक होगी, जब ऐसा किया जाएगा। उन्होंने सरकार से कहा कि अगर जाति जनगणना को लेकर उसकी मंशा सच्ची है तो उसे संसद सत्र बुलाकर इस संबंध में कानून पारित करना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 15(5) को भी लागू करने की मांग की, जिसके तहत निजी शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण प्रदान करना होगा। जयराम रमेश ने खुशी जताई कि केंद्र की मौजूदा सरकार 2011 में यूपीए सरकार द्वारा कराई गई सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना के दौरान एकत्र किए गए आंकड़ों का विभिन्न योजनाओं के लिए इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि जाति जनगणना की घोषणा के संदर्भ में शुक्रवार को नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक होगी।