सोशल संवाद / नई दिल्ली : देश में बढ़ती महंगाई पर चिंता व्यक्त करते हुए महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने केंद्र की भाजपा सरकार से एलपीजी सिलेंडर, पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कच्चे तेल की घटी हुई अंतरराष्ट्रीय कीमतों की तर्ज पर तुरंत कम करने और महंगाई पर संसद में विशेष सत्र बुलाकर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए, इससे मूल्य नियंत्रण संभव होगा।
यह भी पढ़े : तेजस्वी बोले-अमित शाह नीतीश को सीएम फेस नहीं बताते:दिल्ली में राहुल-खड़गे के साथ 45 मिनट मीटिंग
नई दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने कहा कि भाजपा सरकार ने महंगाई से पूरी तरह मुंह मोड़ लिया है। आज देश में महंगाई एक सबसे बड़ा मुद्दा है, लेकिन केंद्र सरकार को इससे कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने 2014 और वर्तमान कीमतों की आंकड़ेवार तुलना करते हुए कहा कि जब कांग्रेस सरकार थी, तब भाजपा पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर सड़कों पर उतरती थी। कांग्रेस सरकार के दौरान कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर प्रति बैरल थी, जबकि आज यह 65.31 डॉलर प्रति बैरल है।
इस प्रकार उस समय कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय क़ीमतें आज से चालीस प्रतिशत ज़्यादा थी पर फिर भी पेट्रोल की कीमत 72 रुपये प्रति लीटर से अधिक नहीं थी, जो आज 100 रुपये के करीब पहुंच गई है। इसी तरह, डीजल की कीमत तब 55 रुपये प्रति लीटर थी, जो बढ़कर 88 रुपये हो गई हैं। कच्चे तेल की गिरावट के बावजूद आम जनता को राहत नहीं दी जा रही है। उल्टे सरकारी व निजी तेल कंपनियां तगड़ा मुनाफा कमा रही हैं।
उन्होंने एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि पर भी सवाल उठाया और कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.20 रुपये थी, आज वह बढ़कर 19.90 रुपये हो गई है। 2014 में डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3.46 रुपये थी, जो आज बढ़कर 15.80 रुपये हो गई है, जिससे पिछले 11 वर्षों में भारत सरकार ने लगभग 40 लाख करोड़ रुपये कमाए हैं।
अलका लांबा ने कहा कि सरकार की नीतियां आम आदमी के बजाय तेल कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई हैं। तेल कंपनियों को मुनाफा करवाने का एकमात्र लक्ष्य भाजपा के लिए चंदा लेना है। उन्होंने मांग की कि इस मामले में सीएजी को ऑडिट करना चाहिए कि किस तरह सरकार की नीतियों ने इन निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाया। उन्होंने सीवीसी और सीबीआई जांच की मांग भी दोहराते हुए कहा कि यह पता चलना चाहिए कि इस मामले में जानबूझकर लापरवाही बरती गई या सरकार की मिलीभगत है। उन्होंने घरेलू सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि का भी मुद्दा उठाया और कहा कि 2014 में सिलेंडर 414 रुपये में मिलता था, लेकिन आज यह 1100 रुपये से अधिक में मिल रहा है।
अलका लांबा ने बताया कि महिला कांग्रेस ने देश भर में महंगाई के खिलाफ आंदोलन शुरू किया है। महिलाएं सड़कों पर उतर रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वह खुद इस आंदोलन में हिस्सा लेने बिहार जा रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि महंगाई एक महामारी बन सकती है, इसलिए सरकार को समय रहते कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला कांग्रेस इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी, अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती तो आंदोलन और तेजी पकड़ेगा।