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शोध के उद्देश्य और प्राकल्पना के बीच तारतम्यता आवश्यक – डॉ. सरोज कुमार मिश्र

By Tamishree Mukherjee

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शोध के उद्देश्य और प्राकल्पना के बीच तारतम्यता आवश्यक - डॉ. सरोज कुमार मिश्र

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सोशल संवाद / डेस्क : इग्नू देवघर के क्षेत्रीय निदेशक, डॉ. सरोज कुमार मिश्र ने आज  सोना देवी विश्वविद्यालय, घाटशिला में पी एच.डी शोधार्थियों के लिए शोध प्रविधियों से सम्बंधित विशेष व्याख्यान दिया।  उन्होंने रिसर्च स्कॉलरों को रिसर्च के बारे में बताते हुए कहा कि शोध की शुरुआत शोध समस्या के चयन से होती है। उन्होंने शोध साहित्य समीक्षा  लिखने के स्रोत की भी जानकारी दी। साथ ही कहा कि पुस्तकों के अलावे इंटरनेट से भी इसकी तलाश की जा सकती है। मिश्र ने रिसर्च स्कॉलरों को सन्दर्भ लिखने का तरीका भी बताया। हाइपोथिसिस लिखने के बारे में भी बताया गया।

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डॉ. सरोज ने कहा कि शोध के उद्देश्य और प्राकल्पना के बीच तारतम्यता होगी तभी सही निष्कर्ष आएगा तथा शोध कार्य विश्वसनीय और वैध हो सकेगा। इन्होने रिसर्च मेथोडोलोजी, डाटा कलेक्शन और उसके विश्लेषण के बारे भी ध्यान रखने योग्य तकनिकी जानकारी दी।इस लेक्चर में विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलर बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। कार्यक्रम का संयोजन अनुसुआ रॉय द्वारा किया गया। उन्होंने डॉ.मिश्र का परिचय एवं स्वागत  कराया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रभाकर सिंह, कुलपति डॉ. जे.पी मिश्रा, कुलसचिव प्रो. डॉ. गुलाब सिंह ‘आज़ाद’, डॉ. नीलमणि कुमार,सहायक  प्राध्यापक मनोविज्ञान विभाग, अनुसुआ रॉय, समन्वयक, पी एच.डी सेल, सहायक प्राध्यापक अर्चना सिंह, मोनिका सिंह, पूजा तिवारी, राहुल कुमार शॉ, किशोर कुमार, माधवी बेहरा समेत बड़ी संख्या में रिसर्च स्कॉलर उपस्थित थे।

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