सोशल संवाद/डेस्क/Credit Card Usage: आज के समय में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) हमारे रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चूका हैं। जहां पहले इनका इस्तेमाल सिर्फ बड़ी खरीदारी या किसी स्पेशल डील के लिए किया जाता था, वहीं अब किराने से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग तक, लोग हर खर्च में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने लगे हैं। इसकी बड़ी वजह है हर ट्रांजेक्शन पर मिलने वाले रिवॉर्ड प्वाइंट्स, कैशबैक और ऑफ़र्स, लेकिन इन फायदों के बीच एक ऐसा पहलू है, जिसे समझना बेहद ज़रूरी है क्रेडिट लिमिट और क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (CUR)।
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Credit Card Usage: क्रेडिट लिमिट क्या है?
क्रेडिट लिमिट असल में वह अधिकतम राशि है जिसे बैंक या कार्ड जारी करने वाली कंपनी आपको खर्च करने की अनुमति देती है। इसे आप एक तरह का छोटा लोन मान सकते हैं। यह लिमिट आपके आय, खर्च करने की आदत और क्रेडिट हिस्ट्री देखकर तय की जाती है। कुछ बैंक लिमिट से ज्यादा खर्च करने की सुविधा भी देते हैं, लेकिन उस पर भारी शुल्क और ब्याज लगता है।
Credit Card Usage: क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (CUR) क्यों अहम है?
किसी भी कार्ड यूज़र के लिए CUR सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर है। यह बताता है कि आपने अपनी कुल लिमिट में से कितना पैसा खर्च कर लिया है। इसे निकालने का फॉर्मूला बहुत आसान है:
CUR = (कुल खर्च ÷ कुल लिमिट) × 100
मान लीजिए आपके कार्ड की लिमिट 1 लाख रुपये है और आपने 30 हज़ार रुपये खर्च किए। इस स्थिति में आपका CUR 30% होगा। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, हेल्दी क्रेडिट स्कोर बनाए रखने के लिए CUR को हमेशा 30% के आसपास या उससे कम रखना चाहिए। अगर आप बार-बार पूरी लिमिट तक खर्च करने लगते हैं तो बैंक आपको रिस्की ग्राहक मान सकता है। इसका नतीजा यह होगा कि:
- आपका CIBIL स्कोर नीचे जा सकता है।
- नए लोन की मंज़ूरी मुश्किल हो सकती है।
- लोन मिलने पर ब्याज दर भी ज्यादा चुकानी पड़ सकती है।
- सही आदतें क्या अपनाएं?
- लिमिट का पूरा उपयोग करने से बचें।
- हर महीने समय पर भुगतान करें।
- खर्च को ट्रैक करें और CUR को 30% के भीतर रखने की कोशिश करें।
बता दें क्रेडिट कार्ड सुविधा के साथ-साथ जिम्मेदारी भी लाते है । समझदारी इसी में है कि आप अपने खर्च और CUR को बैलेंस में रखें। याद रखिए, CUR जितना कम होगा, आपका क्रेडिट स्कोर उतना ही सुरक्षित रहेगा और भविष्य में लोन लेने में आसानी रहेगी।








