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सीआरपीएफ की गाड़ी खाई में गिरी, तीन जवानों की मौत, 12 जख्मी, बचाव कार्य जारी

By Annu kumari

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सोशल संवाद/ डेस्क: जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के बसंतगढ़ क्षेत्र से खबर सामने आई। यहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को ले जा रही एक बंकर वाहन खाई में गिर गई। इस हादसे में तीन जवानों की मौत हो गई, जबकि 15 अन्य जवान घायल हो गए हैं।

प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह हादसा उस समय हुआ जब जवानों का दल गश्ती ड्यूटी के लिए पहाड़ी मार्ग से गुजर रहा था। पहाड़ों के संकरे और फिसलन भरे रास्ते पर नियंत्रण खो बैठने के कारण गाड़ी खाई में जा गिरी। हादसा इतना गंभीर था कि दो जवानों के शव घटनास्थल पर ही बरामद हो गए, जबकि एक अन्य जवान ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया।


घायलों की स्थिति और रेस्क्यू अभियान
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। बचाव कार्य तेजी से शुरू किया गया। खाई में गिरी गाड़ी से घायलों को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी क्योंकि ढलान काफी तीखी थी और मौसम भी प्रतिकूल था। 15 घायलों में से 5 की हालत गंभीर बताई जा रही है जिन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चिकित्सकों की एक टीम लगातार उनका इलाज कर रही है।


बंकर वाहन का प्रयोग और संवेदनशील इलाका
सीआरपीएफ द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली बंकर गाड़ियां आमतौर पर सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं। इनका प्रयोग आतंक प्रभावित इलाकों में जवानों की आवाजाही के लिए किया जाता है ताकि किसी भी हमले या गोलाबारी से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। बसंतगढ़ का क्षेत्र जम्मू-कश्मीर के उन इलाकों में आता है जहां सुरक्षा बलों की लगातार तैनाती और गश्त आवश्यक रहती है।
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परिजनों के प्रति संवेदना और शोक

सीआरपीएफ की ओर से मृत जवानों को श्रद्धांजलि दी गई है और उनके परिवारों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिया गया है। यह हादसा न केवल एक प्रशासनिक मुद्दा है बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत दुखद है। जो जवान देश की रक्षा के लिए दूरदराज के क्षेत्रों में तैनात रहते हैं, उनका इस प्रकार दुर्घटना का शिकार होना चिंता का विषय है। यह घटना एक बार फिर यह सोचने को मजबूर करती है कि हमारे सुरक्षा बल किन कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं। पहाड़ी इलाकों में तैनात सुरक्षा बलों की सुरक्षा, प्रशिक्षण, वाहन की गुणवत्ता और मौसम के प्रभाव जैसे विषयों पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

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