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तूफान मोन्था शाम को आंध्र तट से टकराएगा:हवा की रफ्तार 110kmph, झारखंड में भी असर

By Tamishree Mukherjee

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Cyclone Montha to hit Andhra coast

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सोशल संवाद/डेस्क : बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना चक्रवात मोन्था मंगलवार सुबह तूफान में बदल गया है। फिलहाल यह आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम से लगभग 190 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में है। इसका असर आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बंगाल, ओडिशा के अलावा झारखंड के जिलों में देखा जा रहा है। इन राज्यों में 90kmph से 110kmph की रफ्तार से हवा चल रही है।

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चारों राज्यों के तटीय इलाकों से 50 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। 55 से ज्यादा ट्रेनें कैंसिल कर दी गई हैं।

मौसम विभाग का कहना है कि मंगलवार शाम को तूफान मोन्था मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाड़ा तट से टकराएगा। लैंडफॉल के दौरान समुद्र में 5 मीटर (16 फीट) तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक, जैसे-जैसे यह काकीनाड़ा-मछलीपट्टनम तट के करीब पहुंचेगा, इसकी रफ्तार और तेज होती जाएगी। चक्रवात मोन्था के आगे बढ़ने से काकीनाड़ा में समुद्र उफान पर है। फिलहाल यह मछलीपट्टनम से लगभग 190 किमी दक्षिण-पूर्व में केंद्रित हो गया है। तूफान का असर केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड में अगले 3 दिन तक बारिश हो सकती है।

तूफान मोन्था को यह नाम थाइलैंड ने दिया है। थाई भाषा में इसका अर्थ है सुगंधित फूल। मंगलवार सुबह से ही आंध्र, तमिलनाडु, बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में बारिश और 90 से 110kmph की रफ्तार से आंधी चल रही है

ओडिशा: 8 जिलों में रेड अलर्ट, स्कूल बंद, 140 टीमें तैनात

ओडिशा सरकार ने मलकानगिरी, कोरापुट, रायगढ़, गजपति, गंजम, नबरंगपुर, कालाहांडी और कंधमाल के आठ जिलों में निचले इलाकों और भूस्खलन की आशंका वाले पहाड़ी इलाकों से लोगों को निकाला है और एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ और अग्निशमन सेवा की 140 बचाव टीम और 5,000 से ज्यादा कर्मियों को तैनात किया है। नौ जिलों में स्कूलों और आंगनवाड़ी 30 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं।

तमिलनाडु: चेन्नई में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाहचक्रवात मोन्था चेन्नई की ओर बढ़ रहा है, जिससे पट्टिनापक्कम समुद्र तट पर उथल-पुथल मची हुई है। यहां समुद्र में तेज हवाओं के कारण ऊंची लहरें उठने की खबर है। मछुआरे अपनी नावों और जालों के साथ सुरक्षित रूप से तट पर मौजूद हैं।

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