सोशल संवाद / झारखंड : झारखंड में सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत सक्रिय आरटीआई कार्यकर्ताओं को लगातार मिल रही धमकियों और जिला प्रशासन की लापरवाही को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता संघ, झारखंड के प्रतिनिधिमंडल ने आज जुगसलाई विधानसभा के विधायक मंगल कालिंदी से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा।
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संघ ने बताया कि आरटीआई कार्यकर्ता कृतिवास मंडल को 18 मई 2025 को अज्ञात मोबाइल नंबर से जान से मारने की धमकी दी गई थी, जिसकी शिकायत उन्होंने 20 मई 2025 को पुलिस अधीक्षक, पूर्वी सिंहभूम को दी थी। इसके बावजूद 65 दिनों के बीत जाने के बाद भी आज तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है और ना ही किसी प्रकार की सुरक्षा प्रदान की गई है।
पोटका के सुनील मुर्मू को भी मुखिया द्वारा धमकी दिया गया लेकिन सिर्फ 126 बी एन एस एस की धारा के तहत दोनों पक्षों पर कार्रवाई कर मामला को राफ दफा कर दिया जबकि यह अत्यंत गंभीर मामला है।
प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि:
- धमकी देने वाले मोबाइल नंबर की पहचान कर तत्काल एफ.आई.आर दर्ज की जाए।
- प्रकरण की निष्पक्ष जाँच हेतु थाना प्रभारी एवं डीएसपी (लॉ एंड ऑर्डर) की भूमिका की जाँच की जाए।
- आरटीआई कार्यकर्ताओं की सुरक्षा हेतु नीति बनाई जाए।
- विधानसभा सत्र में मामले को प्राथमिकता से उठाया जाए।
- यदि भविष्य में आरटीआई कार्यकर्ताओं को कोई शारीरिक या मानसिक क्षति होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
इस प्रतिनिधिमंडल में संघ के केंद्रीय अध्यक्ष दिल बहादुर, उपाध्यक्ष सदन कुमार ठाकुर, मानवाधिकार संघ के अध्यक्ष दिनेश कुमार “किनू”, राजेश महतो, एवं अन्य आदि शामिल थे।आरटीआई संघ ने राज्य सरकार से मांग की है कि कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ताकि वे निडर होकर पारदर्शिता और जनहित के कार्यों को आगे बढ़ा सकें।








