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दिल्ली सरकार अलर्ट मोड पर, आपदा प्रबंधन से लेकर विकास योजनाओं तक मुख्यमंत्री ने विभागीय प्रमुखों के साथ की समीक्षा बैठक

By Riya Kumari

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Delhi government on alert mode, from disaster management to development plans

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सोशल संवाद / नई दिल्ली : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में आज दिल्ली सचिवालय में सभी विभागों के प्रमुखों (HoDs) के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की गई। इस बैठक का उद्देश्य वर्तमान आपातकालीन स्थिति के लिए विभागीय तैयारियों का आकलन करना, विकास कार्यों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करना, विभागों द्वारा किये गए कार्यो का मूल्यांकन करना रहा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राजधानी में आपात स्थिति से निपटने के लिए एक बहुस्तरीय, समन्वित और सक्रिय रणनीति को लागू करने हेतु कई अहम निर्देश जारी किए। इसमें स्वास्थ्य,  शामिल किया गया है।

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विभिन्न विभागों द्वारा की गई तैयारियों के बारे में जानकरी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को अस्पतालों की पूर्ण तैयारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिए गए है। इसमें एम्बुलेंस की उपलब्धता, दवाओं और उपभोग्य सामग्रियों का पर्याप्त भंडारण, गहन चिकित्सा इकाइयों (ICUs) के लिए विद्युत बैकअप, और डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी रोस्टर को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना शामिल है। उन्होंने सभी चिकित्सा कर्मियों की छुट्टियाँ रद्द करने और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) जैसे केंद्रीय अस्पतालों के साथ समन्वय के साथ कार्य करने के भी निर्देश दिए है। 

मुख्यमंत्री ने बताया कि विद्युत विभाग को बिजली गुल होने की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया और आवश्यक सेवाओं के लिए बैकअप बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है। साथ ही दिल्ली जल बोर्ड (DJB) को जल आपूर्ति नेटवर्क की सुरक्षा, टैंकरों की तैनाती, और सभी पंपिंग स्टेशनों के लिए पूर्णकालिक विद्युत बैकअप की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए है । मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग को निर्देश दिए है कि वे जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (DDMAs) को तुरंत सक्रिय करें। इसके तहत आश्रय स्थलों की पहचान और तैयारी सुनिश्चित की जाए। साथ ही, नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों (CDVs) को आपात तैनाती के लिए तैयार रखा जाए।

इसके अलावा, सशस्त्र बलों, रेलवे और हवाई अड्डा प्राधिकरणों के साथ समन्वय स्थापित करने पर भी विशेष ज़ोर दिया गया है, ताकि किसी भी स्थिति में त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया संभव हो सके। इसके अलावा गृह एवं पुलिस विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वे महत्वपूर्ण अवसंरचना स्थलों की 24×7 सुरक्षा सुनिश्चित करें। इसके साथ ही आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। आपात स्थिति में Essential Services Maintenance Act (ESMA) लागू करने की तैयारियां भी पूर्ण रूप से की जाएं, ताकि आवश्यक सेवाओं में कोई बाधा न आए।

मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को राशन की दुकानों में पर्याप्त भंडारण, पेट्रोलियम और रसोई गैस के भंडार की निगरानी, और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को सक्रिय रखने का निर्देश दिए गए है। इसके साथ ही पीडब्लूडी, एमसीडी, एनडीएमसी और अन्य संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे आपात निकासी और क्षतिग्रस्त अवसंरचना के पुनर्निर्माण के लिए ठेकेदारों की सूची तैयार रखें और जरूरी मशीनरी एवं उपकरणों की तैनाती की पूर्व योजना बनाएं। इसमें सड़कों की सफाई, बिजली आपूर्ति, रोशनी, और अन्य आवश्यक सुविधाओं के लिए संसाधनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करना शामिल है।

मुख्यमंत्री ने दिल्ली परिवहन निगम  और डीएमआरसी को निर्देशित किया है कि वे आपातकालीन निकासी योजनाओं को अंतिम रूप दें। दोनों एजेंसियों को संकट की स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों तक त्वरित और सुनियोजित ढंग से पहुंचाने के लिए स्पष्ट एसओपी (SOPs), रूट मैप्स और फ्लीट प्रबंधन योजनाएँ तैयार करने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया की शिक्षा विभाग को निर्देश दिया गया है कि वे अपने अधीनस्थ विद्यालयों और कॉलेज परिसरों को अस्थायी शरणस्थलों के रूप में उपयोग करने के लिए तैयार रखें। साथ ही, इन्हें जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (DDMAs) के साथ समन्वय कर शरणार्थियों के रहने, भोजन, चिकित्सा सहायता और स्वच्छता की उचित व्यवस्था करने के लिए भी तैयार रखने के निर्देश दिए गए है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली फायर विभाग को सदैव अलर्ट मोड में रहने और राजस्व तथा पुलिस विभागों के साथ निकट समन्वय में कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। इसका उद्देश्य आपात घटनाओं जैसे आग, विस्फोट या संरचनात्मक क्षति की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया और राहत कार्यों को सुचारू बनाना है। साथ ही मुख्यमंत्री ने श्रम विभाग को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और प्रवासी कामगारों की सुरक्षा, पुनर्वास और आवश्यक सहायता हेतु विशेष योजनाएँ और त्वरित कार्यप्रणाली लागू की जाए। इसके तहत राहत शिविरों में अस्थायी रोजगार सहायता, राशन वितरण और स्वास्थ्य सेवाओं की भी व्यवस्था शामिल है।

बैठक के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार की प्राथमिकता जनता को बेहतर सुविधाएं देना है। योजनाओं की सिर्फ घोषणा करना पर्याप्त नहीं, बल्कि उनका प्रभावी क्रियान्वयन और जनता तक लाभ पहुंचाना भी ज़रूरी है। आज की बैठक के दौरान सरकार ने दिल्ली से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सभी विभागों के प्रमुखों के साथ चर्चा की और उनके सफल क्रियान्वयन पर योजनाबद्ध  तरीके से कार्य करने के निर्देश भी दिए गए। बैठक के प्रमुख बिंदु शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, अस्पतालों और दवाओं की उपलब्धता, पानी की समस्या, जलभराव, प्रदूषण, बुनियादी ढांचा विकास, शासन एवं प्रशासनिक सुधार, नागरिक शिकायत निवारण रहे। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को वर्तमान आपातकालीन स्थिति के संदर्भ में अपनी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का गहन आकलन करने का निर्देश दिए। हमारी प्राथमिकता हर नागरिक की सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को एकजुट होकर कार्य करने और जनता की सेवा में कोई कमी न छोड़ने का आह्वान किया।

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