सोशल संवाद/दिल्ली (रिपोर्ट – सिद्धार्थ प्रकाश ) : दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद श्री मनोज तिवारी ने आज दिल्ली भाजपा के मंत्री हरीश खुराना एवं मीडिया प्रमुख श्री प्रवीण शंकर कपूर की उपस्थिति में एक पत्रकारवार्ता में कहा कि दिल्ली जल बोर्ड अरविन्द केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है और इसका ओडिट ही नहीं इसकी न्यायिक जांच की आवश्यकता है। पत्रकार वार्ता में प्रवक्ता सरदार ज्योतजित सिंह एवं श्री शुभेनदू अवस्थी भी उपस्थित थे।
2015 में सत्ता में आई आम आदमी पार्टी ने 14 लाख घरों को नल से जल देने का सपना दिखाया और फिर 2020 में हर घर को जल देने का सपना दिखाया पर दिल्ली की जल उपलब्धता बढ़ाने के लिये कोई काम नहीं किया। 2013-14 में दिल्ली में 850 एम.जी.डी. पानी उपलब्ध था, राष्ट्रपति शासन के दौरान 2014 में ओखला में 100 एम.जी.डी. पानी का प्लांट लगा जिसके बाद दिल्ली में 950 एम.जी.डी. पेय जल की उलब्धता बनी।
सांसद तिवारी ने कहा कि हर घर को पानी देने का सपना दिखाने वाली केजरीवाल सरकार ने जनता को किस तरह धोखा दिया है इसका एक प्रमाण है कि आज दिल्ली में 1350 एम.जी.डी. पेय जल की आवश्यकता है जबकि उपलब्धता मात्र 950 एम.जी.डी. की है। यह खेद पूर्ण है कि लगभग 9 वर्ष के शासन में केजरीवाल ने पेय जल की उपलब्धता बढ़ाने के लिये कोई प्रयास नहीं किये हैं और दिल्ली आज भी टैंकर माफिया की शिकार है।
किसी भी संस्था में हेरफेर का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है कि 6 वित्त वर्ष तक उसके खाते ही न लिखे जायें जैसा कि दिल्ली जल बोर्ड में हो रहा है। 2016-17 के बाद से दिल्ली जल बोर्ड के न तो खाते बने हैं और न ही कोई ऑडिट हुआ है। इस हेरफेर के चलते 31 मार्च, 2018 को दिल्ली जल बोर्ड का घाटा जो 26 हजार करोड़ रूपये था, 31 मार्च, 2023 को उसका अनुमान 70 हजार करोड़ का लगाया गया है। सी.ए.जी. ने लगभग 22 पत्र दिल्ली जल बोर्ड को खाते ऑडिट कराने के लिये लिखे हैं लेकिन केजरीवाल सरकार के कान में जूं तक नहीं रैंगी।
मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने जब बजट राशि की अगली किस्त देने के लिये दिल्ली जल बोर्ड से 1557 करोड़ रूपये का हिसाब मांगा तो हिसाब देने की बजय जल मंत्री सुश्री आतिशी ने दिल्ली में जल संकट की धमकी देना शुरू कर दिया। संसद तिवारी ने कहा कि जिस सरकार ने 2015 से 2020 तक हर घर जल का वायदा बार-बार दोहराया उसके राज में आज 2023 में भी दिल्ली की एक तिहाई आबादी टैंकर माफिया के रहमो करम पर है।
इसी तरह दिल्ली जल बोर्ड में भारी निवेश के बाद भी आज भी 50 प्रतिशत तक पानी चोरी हो रहा है। दिल्ली जल बोर्ड में हेरफेर का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है कि 12 हजार करोड़ रूपये से अधिक के ठेके बिना टैंडर के 5 लाख से कम राशि के वर्क ऑर्डरों के आधार पर दे दिये गये। मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली की जनता अब केजरीवाल सरकार की झूठी धमकियों से गुमराह नहीं होगी और केजरीवाल सरकार से भ्रष्टाचार का जवाब जरूर लेगी।
दिल्ली भाजपा के मंत्री श्री हरीश खुराना जिन्होंने 2021 में दिल्ली जल बोर्ड को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका डाली थी और दिल्ली जल बोर्ड के खातों के सी.ए.जी. ऑडिट की मांग की थी ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड आज भारत का सबसे भ्रष्ट सरकारी संस्था है जिस पर 76 हजार करोड़ रूपये के ऐसे ऋण और अनुदान हैं जिनका कोई हिसाब-किताब नहीं है। हरीश खुराना ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने मेरी याचिका को दबाने का भरसक प्रयास किया, न्यायालय को गुमराह करने का प्रयास किया और इसीके अंतर्गत गत 11 अक्टूबर, 2023 में कोर्ट में एक एफीडेबिट दायर कर दिल्ली जल बोर्ड के खाते प्रस्तुत करने के लिये एक वर्ष का समय मांगा है।
दिल्ली भाजपा के मंत्री ने कहा कि यदि एक सरकारी संस्था दिल्ली जल बोर्ड बड़ा व्यापार होने का तर्क देकर वर्षों तक अपने खाते ऑडिट नहीं कराती है तो फिर सरकारें बड़े-बड़े उद्योगपतियों से कैसे उम्मीद लगा सकती हैं कि वह समय पर अपने खाते तैयार करें। मीडिया प्रमुख श्री प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि आज दिल्ली वाले स्तब्ध हैं की केजरीवाल सरकार का कोई ऐसा विभाग नही जिसके कार्यो में भ्रष्टाचार ना हो, आबकारी विभाग हो, लोक निर्माण विभाग हो राशन विभाग हो, परिवहन विभाग हो प्राइवेट डिस्कॉम का बिजली बिल घोटाला हो जल बोर्ड हो हर ओर हेरफेर ही हेरफेर है।