सोशल संवाद / नई दिल्ली : दिल्ली की ओलिंपिक असोसिएशन, विभिन्न सरकारी विद्यालयों और खेल प्रशिक्षण केंद्रों से आए बच्चों ने आज दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा से मुलाकात की और राजधानी के युवा खिलाड़ियों और मेधावी छात्रों के लिए घोषित ऐतिहासिक पहलों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि दिल्ली में खेल और युवा मामलों के लिए अब अलग विभाग बनेगा, जिससे खिलाड़ियों को ज़रूरत के मुताबिक सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने यह भी कहा कि पूरी राजधानी में कोचिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे, ताकि कोई भी खिलाड़ी संसाधनों की कमी के कारण पीछे न रह जाए।

इस अवसर पर दिल्ली सरकार के खेल मंत्री आशीष सूद भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने बच्चो से संवाद करते हुए कहा कि उनका सपना है कि दिल्ली का हर बच्चा आत्मनिर्भर, सशक्त और आत्मविश्वासी बने। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने सरकार की जिम्मेदारी संभाली, तो यह महसूस हुआ कि दिल्ली के खिलाड़ी कड़ी मेहनत तो करते हैं, लेकिन उन्हें वह मान्यता, सहायता और सम्मान नहीं मिलती जिसके वे हकदार हैं। इसी को बदलने के उद्देश्य से उन्होंने देश की सबसे बड़ी इनामी राशि के साथ एक नई खेल नीति लागू की। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस नई नीति के तहत अब दिल्ली में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता को सात करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को पांच करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेता को तीन करोड़ रुपये दिए जाएंगे। यह इनामी राशि देश के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सबसे अधिक है। इसके साथ ही खिलाड़ियों को ग्रेड ए, बी और सी की सरकारी नौकरियों में नियुक्ति का अवसर भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ये योजनाएँ सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि युवाओं के सपनों को उड़ान देने की नींव हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा वर्षों से जर्जर पड़े स्टेडियमों का पुनर्निर्माण किया जाएगा और उन्हें अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ कोचिंग, संसाधन और हर संभव सहयोग दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि दिल्ली में खेल और युवा मामलों के लिए अब अलग विभाग बनेगा, जिससे खिलाड़ियों को ज़रूरत के मुताबिक सुविधाएं मिल सकें। साथ ही, पूरे शहर में कोचिंग सेंटर (क्रीड़ा प्रशिक्षण केंद्र) स्थापित किए जाएंगे, ताकि किसी खिलाड़ी को संसाधनों की कमी के कारण पीछे न रहना पड़े। मुख्यमंत्री ने बच्चों से कहा कि उनका असली आभार तभी माना जाएगा जब वे देश के लिए जीत हासिल करेंगे, आगे बढ़ेंगे और दिल्ली को गर्व महसूस कराएंगे। उन्होंने बच्चों से यह संकल्प लेने का आह्वान किया कि अब जब दिल्ली सरकार ने इनाम तय कर दिए हैं, तो उन्हें यह राशि अपने परिश्रम से जीतकर दिखाना उनकी ज़िम्मेदारी है।
इस अवसर पर मंत्री आशीष सूद ने बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा को सिर्फ पहचाना ही नहीं, बल्कि उसे पूरी ताक़त के साथ संवारना भी हमारी जिम्मेदारी है। यह नई खेल नीति और युवाओं के लिए अलग विभाग की घोषणा एक क्रांतिकारी कदम है, जो आने वाले वर्षों में दिल्ली को खेल और शिक्षा दोनों क्षेत्रों में देशभर में अग्रणी बनाएगा।








