सोशल संवाद / डेस्क : ऐसा माना जाता था कि लोग लोन लेते हैं और अपनी आय का अधिकांश हिस्सा उसकी EMI चुकाने में खर्च कर देते हैं। लेकिन RBI की हालिया रिपोर्ट इसके बिल्कुल उलट है। अब तक यही माना जाता था कि विभिन्न जरूरतों के चलते शहरों में लोग बैंकों से ज्यादा लोन ले रहे हैं।
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बैंक द्वारा दिए जाने वाले लोन की मात्रा में अब बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। RBI की रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले पांच सालों के दौरान महानगरों में बैंक की विभिन्न शाखाओं द्वारा दिए जाने वाले लोन की हिस्सेदारी 63.5 फीसदी से घटकर 58.7 फीसदी हो गई है, जबकि ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी इलाकों में बैंक लोन में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
महानगरों में बैंक लोन में कमी
गांवों और कस्बों में स्थित बैंक शाखाओं ने लोन देने के मामले में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। इसके बावजूद, महानगरों की शाखाओं ने सबसे ज्यादा 11.7 फीसदी डिपॉजिट ग्रोथ दर्ज की, जिसके बाद ग्रामीण (10.1%), शहरी (9.3%) और अर्ध-शहरी (8.9%) इलाकों का नंबर आता है।
बैंक लोन की ग्रोथ रेट जो पिछले पांच सालों में 15.3 फीसदी थी, इस वित्त वर्ष में 11.1 फीसदी हो गई। जमा वृद्धि भी धीमी हुई है, जो इसी अवधि में 13% से घटकर 10.6% हो गई है। बचत जमा की हिस्सेदारी में कमी आई है।
घट गई बचत जमा की हिस्सेदारी
इसके साथ ही, सावधि जमा पर उच्च ब्याज दर के कारण, जो हिस्सेदारी दो साल पहले 33 प्रतिशत थी, एक साल पहले घटकर 30.8 प्रतिशत हो गई और अब यह घटकर 29.1 प्रतिशत हो गई है।