राजनीति

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें गिरने के बावजूद पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी की गई- जयराम रमेश

सोशल संवाद / डेस्क : प्रधानमंत्री का पूरा ध्यान महंगाई घटाने पर नहीं, बल्कि केवल महंगाई के आंकड़ों को कम दिखाने पर है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) और थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के आंकड़ों को इस तरह से पेश करने की कोशिश जा रही है कि महंगाई नियंत्रित दिखे, जबकि ज़मीनी हक़ीक़त यह है कि आम जनता की जेब पर बोझ लगातार बढ़ रहा है।

यह भी पढ़े : सांसद बिद्युत बरण महतो ने लोकसभा में पटमदा क्षेत्र के किसानों के लिए सिंचाई का मामला उठाया

पिछले दस सालों में मोदी सरकार की ग़लत आर्थिक नीतियों के कारण महंगाई लगातार बढ़ी है, जिससे आम जनता की आर्थिक स्थिति पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ा है। खाद्य पदार्थों, ईंधन, और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतों में तेज़ी से वृद्धि देखी गई है। विशेष रूप से, दाल, तेल, सब्ज़ी और दूध जैसे आवश्यक खाद्य उत्पादों की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं, जो परिवारों के बजट पर भारी बोझ डाल रही हैं। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी के बावजूद पेट्रोल-डीजल महंगा रहा, जिससे परिवहन और अन्य सेवाओं की लागत बढ़ी। आज महंगाई में वृद्धि का एक बड़ा कारण खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें हैं। अब आंकड़ों में महंगाई को कम दिखाने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में खाद्य पदार्थों का वेटेज कम करने की तैयारी चल रही है। यह महंगाई के वास्तविक प्रभाव को छिपाने का एक प्रयास है, जो बताता है कि इस सरकार की प्राथमिकता महंगाई कम करने की बजाय केवल आंकड़ों को कम करने की है।

याद रखें, यह पहली बार नहीं हो रहा है। मोदी सरकार ने आंकड़ों की बाज़ीगरी करके देश को गुमराह करने की बार-बार कोशिश की है।

* ​पहले, जब भाजपा सरकार जीडीपी वृद्धि दर में यूपीए सरकार से पिछड़ने लगी, तब आधार वर्ष बदलकर विकास दर को कृत्रिम रूप से बढ़ाने का प्रयास किया गया। ऐसा करके देश की वास्तविक आर्थिक स्थिति छिपाई गई।

* ​रोज़गार के वादों में भी यही खेल खेला गया। हर साल दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वादा किया गया था, लेकिन जब बेरोज़गारी बढ़ने लगी, तब इसके आंकड़ों को छिपाने के लिए सर्वेक्षणों और रिपोर्ट्स को रोका गया या संशोधित किया गया। रोज़गार के मानदंडों में बदलाव कर स्वरोज़गार, मुद्रा लोन लेने और अस्थायी नौकरियों को स्थायी रोज़गार के रूप में गिना गया, ताकि बेरोज़गारी के वास्तविक आंकड़े छिपाए जा सकें। साथ ही, ईपीएफओ डेटा और स्टार्टअप्स को भी रोज़गार वृद्धि का हिस्सा दिखाकर रोज़गार की स्थिति को कृत्रिम रूप से बेहतर प्रस्तुत किया गया।

* ​इसी तरह, ग़रीबी में कमी दिखाने के लिए आंकड़ों के मानकों में फेरबदल किया गया। इस वजह से ग़रीबों को योजनाओं का लाभ लेने में कठिनाई भी हुई।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें गिरने के बावजूद पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी की गई। यूपीए सरकार के समय भारत के ईंधन की कीमतों की पड़ोसी देशों से तुलना की जानकारी पीपीएसी की वेबसाइट पर सार्वजनिक होती थी, जिसे मोदी सरकार ने हटा दिया। इसके अलावा, पेट्रोल और डीजल पर टैक्स बढ़ाकर जनता से 36 लाख करोड़ रुपए का राजस्व इकट्ठा किया गया, लेकिन आम लोगों को महंगाई से कोई राहत नहीं दी गई।

इसका असर न केवल आम जनता पर बल्कि सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारियों की वेतनवृद्धि (इंक्रिमेंट) पर भी पड़ेगा। लगभग 3-4 करोड़ लोगों की आय मूल्य सूचकांक से प्रभावित होती है। अब महंगाई भत्ते और वेतनवृद्धि और भी कम हो जाएगी, जो पहले ही यूपीए सरकार के मुक़ाबले काफ़ी घट चुकी है।

लब्बोलुआब यह है कि मोदी सरकार जनता की भलाई के लिए काम करने के बजाय केवल प्रचार और आंकड़ों की बाज़ीगरी में लगी हुई है। जनता को राहत देने के बजाय योजनाओं के प्रचार पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। यह सरकार की प्राथमिकता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

Tamishree Mukherjee
Published by
Tamishree Mukherjee

Recent Posts

  • फिल्मी संवाद

फिल्म ‘छावा’ का धमाकेदार ट्रेलर हुआ रिलीज, विक्की कौशल और अक्षय खन्ना दिखे एकदम अलग अंदाज में

सोशल संवाद / डेस्क : बॉलीवुड ऐक्टर विक्की कौशल की मोस्ट आवाइटेड फिल्म छावा का…

17 hours ago
  • राजनीति

अब लगातार करेंगे, AAP के पाप का पर्दाफाश – अजय माकन

सोशल संवाद / नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आयोजित…

19 hours ago
  • समाचार

झारखंड वासी एकता मंच की ओर से विशाल टुसू मेला का आयोजन

सोशल संवाद / जमशेदपुर : झारखंड वासी एकता मंच की ओर से बिस्टुपुर की ऐतिहासिक…

23 hours ago
  • समाचार

अब्दुल बारी मेमोरियल कॉलेज के विद्यार्थियों ने श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर का भ्रमण किया

सोशल संवाद / जमशेदपुर : मंगलवार को अब्दुल बारी मेमोरियल कॉलेज की प्राचार्या डॉ अनुराधा…

24 hours ago
  • समाचार

इन लोगों को नहीं पीनी चाहिए green tea, हो सकता है भारी नुकसान

सोशल संवाद / डेस्क : ग्रीन टी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट,…

2 days ago