सोशल संवाद/डेस्क: बॉलीवुड के हीमैन Dharmendra को लोग उनके पावरफुल एक्शन अवतार के लिए याद करते हैं, लेकिन ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म सत्यकाम ने उनकी एक्टिंग का ऐसा रूप सामने लाया जिसे आज भी उनकी सबसे दमदार परफॉरमेंस माना जाता है। इस फिल्म ने न केवल दर्शकों बल्कि कलाकारों और राइटर्स को भी गहराई से प्रभावित किया।

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Dharmendra की फिल्म जिसने बदल दी राइटर की जिंदगी
आइकॉनिक एक्टर फारुख शेख ने कहा था कि जब भी वे सत्यकाम देखते हैं, यह फिल्म उन्हें झकझोर देती है। वहीं राइटर रंजित कपूर, जो संघर्षों के दौर में गलत राह पर जाने वाले थे, इस फिल्म से इतने प्रभावित हुए कि उनकी पूरी जिंदगी बदल गई। आगे चलकर उन्होंने जाने भी दो यारों, कभी हां कभी ना और खाकी जैसी फिल्मों में अपने डायलॉग्स से बॉलीवुड में खास जगह बनाई।

सत्यप्रिय की जद्दोजहद और कड़वा सच
सत्यकाम एक गहरे सवाल के इर्द-गिर्द घूमती है ‘क्या केवल सच और आदर्शों के सहारे जिंदगी जी जा सकती है?’ फिल्म का नायक सत्यप्रिय (धर्मेंद्र) सच और आदर्शवाद पर टिके रहने की कोशिश करता है, लेकिन उसकी निजी जिंदगी और परिवार लगातार संघर्ष से गुजरते हैं। यही वजह रही कि जनता इससे ज्यादा जुड़ नहीं पाई और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही।
फिर भी इसकी भावुक कहानी, ऋषिकेश मुखर्जी का निर्देशन और धर्मेंद्र की अदाकारी को आज भी सराहा जाता है। कई लोग इसे उनके करियर की सबसे सशक्त परफॉरमेंस मानते हैं। अगर आपने अब तक सत्यकाम नहीं देखी है, तो यूट्यूब पर यह फिल्म आसानी से उपलब्ध है। इसे देखकर आपको धर्मेंद्र की ‘हीमैन’ इमेज के पीछे छिपे असली ऐक्टर से रूबरू होने का मौका मिलेगा।








