सोशल संवाद/डेस्क : आदित्य धर की हालिया रिलीज़ फिल्म Dhurandhar रिलीज़ के तुरंत बाद विवादों में फंस गई है। फिल्म असली घटनाओं से प्रेरित है और इसमें भारत की पाकिस्तान में आतंकवाद और गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई को दर्शाया गया है। संजय दत्त ने फिल्म में दिवंगत कराची SP चौधरी असलम खान का किरदार निभाया है। हालांकि, असलम की पत्नी नोरीन ने अब फिल्म को लेकर आपत्ति जताई है और चेतावनी दी है कि अगर जरूरत पड़ी तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगी।

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नोरीन ने एक पाकिस्तानी पॉडकास्ट में कहा कि उनके पति संजय दत्त के बड़े फैन थे और उन्हें यकीन था कि फिल्म में उनके किरदार का न्याय होगा। लेकिन फिल्म के ट्रेलर में चौधरी असलम के लिए इस्तेमाल किए गए कुछ शब्द, जैसे ‘शैतान’ और ‘जिन्न का बच्चा’, उनके लिए अपमानजनक हैं। नोरीन ने कहा, “हम मुसलमान हैं और ऐसे शब्द न सिर्फ असलम बल्कि उनकी मां के लिए भी अपमानजनक हैं। अगर मेरे पति को फिल्म में गलत तरीके से दिखाया गया या उनके खिलाफ कोई प्रोपेगैंडा हुआ, तो मैं कानूनी कदम उठाऊंगी। यह अजीब है कि फिल्म निर्माता पाकिस्तान को बदनाम करने के अलावा कोई और कहानी क्यों नहीं चुनते।”
चौधरी असलम खान 1963 में पैदा हुए थे और 1980 के दशक में सिंध पुलिस में ASI के रूप में शामिल हुए। उन्होंने पाकिस्तान के विभिन्न कस्बों में अपनी सेवा दी और 2000 के दशक में कराची टाउनशिप में ल्यारी टास्क फोर्स की कमान संभाली। इस दौरान उन्होंने कई बड़े गैंगस्टर्स को खत्म किया। 2011 में तालिबान के हमले में बचने के बाद 2014 में पाकिस्तानी समूह TTP द्वारा उन्हें मार दिया गया। उनका किरदार फिल्म Dhurandhar में संजय दत्त ने निभाया है, जो ऑपरेशन ल्यारी और वहां भारतीय खुफिया एजेंसियों की भूमिका पर आधारित है।
फिल्म Dhurandhar में रणवीर सिंह भी प्रमुख किरदार में हैं, एक इंडियन जासूस के रोल में। इसके अलावा अक्षय खन्ना, अर्जुन रामपाल और आर माधवन ने भी लीड रोल किए हैं। फिल्म का ओपनिंग वीकेंड शानदार रहा और भारत में नेट कमाई 99 करोड़ तक पहुंच गई।
हालांकि फिल्म दर्शकों को पसंद आ रही है, लेकिन नोरीन का विवाद फिल्म के लिए चुनौती बन गया है। उन्होंने यह साफ कर दिया कि अगर उनके पति के किरदार का अपमान हुआ तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी। उनका यह कदम फिल्म उद्योग के लिए चेतावनी की तरह है कि असली घटनाओं और वास्तविक लोगों के किरदारों का सम्मान करना जरूरी है।
फिल्म निर्माता अब स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं और फिल्म की कहानी में किसी भी तरह की गलतफहमी से बचने के लिए कानूनी सलाह ले सकते हैं। वहीं, फिल्म इंडस्ट्री और दर्शक इस मामले पर ध्यान दे रहे हैं कि असली व्यक्तियों के जीवन को कैसे स्क्रीन पर पेश किया जाए और उनकी प्रतिष्ठा सुरक्षित रहे।
इस विवाद ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बायोपिक और रियल लाइफ इंस्पायर्ड फिल्में बनाने में संवेदनशीलता का ध्यान रखना कितना महत्वपूर्ण है। Dhurandhar का मामला दर्शाता है कि रियल लाइफ के किरदारों की पहचान और सम्मान फिल्म निर्माताओं के लिए सिर्फ कहानी नहीं, बल्कि जिम्मेदारी भी है।








