सोशल संवाद/ डेस्क: झारखंड में बिजली टैरिफ वृद्धि को लेकर एक बार फिर विवाद बढ़ता दिख रहा है। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) को घोषित नई दरें रास नहीं आ रही हैं। जेबीवीएनएल अब आयोग के समक्ष पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की तैयारी में है। यह याचिका इसी सप्ताह दाखिल की जा सकती है।
आपको बता दे की आयोग ने 30 अप्रैल 2025 को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई टैरिफ दरों की घोषणा की थी, जो 1 मई 2025 से प्रभावी हो चुकी है। इसमें शहरी उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट 20 पैसे और ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट 40 पैसे की वृद्धि की गई है।
इस हिसाब से ओवरऑल टैरिफ में 6.34 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पर उसका कहना है कि बिजली खरीद में ही 7 से 8 हजार करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं। ऐसे में प्रस्तावित 40.02% टैरिफ वृद्धि के बजाय केवल 6.34% की अनुमति से उसे भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ेगा। जेबीवीएनएल की दलील है कि मौजूदा टैरिफ दरों पर खर्च निकालना कठिन है और यदि संशोधन नहीं हुआ, तो राज्य में बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता और निरंतरता पर असर पड़ सकता है।