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क्या आप जानते है भौंकने वाला हिरण के बारे में ?

By admin

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सोशल संवाद/डेस्क : जब भी हम हमारे सामान्य जिंदगी में ये शब्द सुनते है की देखो ये भौंक रहा है.तो हामरे दिमाग में कुत्ते का दृश्य आता है की कुत्ते जैसा कोई भौक रहा है. लेकिन क्या आप जानते है की कुत्ते ही नहीं एक ऐसा भी जानवर है जो कुत्ते की तरह आवाज निकालता है.जी हां हम बात कर रहे है. भौंकने वाले हिरण बाहरसिंगा की एक प्रजाति होती है जिसकी आवाज भौंकने वाली होती है.

ऐसा लगता है कि कोई कुत्ता भौंक रहा है. ये दक्षिण एशिया और वह भारत में खास तौर से पाए जाते है और इसलिए इनकी एक प्रजाति को भारतीय कांकड़ भी कहा जाता है. देखने में ये हिरण थोड़े से अलग होते हैं, लेकिन इनकी आवाज बहुत चौंकाने वाली होती है.

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हिरण के बारे में सुनते या सोचते ही एक सुंदर सी आंखों वाला खूबसूरत से जानवर की तस्वीर मन में बन जाती है. इस फुर्तीले उछल कूद करते हुए पतले से जानवर के बारे में हम शायद ही कभी सोचते हैं कि उसकी आवाज कैसी होती हो होगी. लेकिन यह अनुमान भी गलत नहीं होता है कि इस खूबसूरत जानवर की आवाज कोई बहुत कर्कश या दहाड़ जैसी तो बिलकुल नहीं होती है. लेकिन हिरण की एक प्रजाति ऐसी भी होती है जिसकी आवाज के कराण उसे भौंकने वाला हिरण मौनजैक हिरण या काकड़, या बर्किंग डियर, कहा जाता है.

मौनजैक जिन्हें काकड़ हिरण, बार्किंग डियर या भौंकने वाला हिरण भी कहते हैं. इन भौंकने वाले हिरण को उनकी खास तीखी आवाज के लिए जाना जाता है. ये कुत्ते के भौंकने जैसी आवाज निकालते हैं जो करीब एक किलोमीटर तक सुनाई देती है और बहुत ही कर्कश लगती है. इसीलिए इन्हें ‘भौंकने वाला हिरण’ या ‘बार्किंग डिअर’ भी कहा जाता है.

काकड़ मैन्टियाकस वंश के बारहसिंगा की प्रजाति के छोटे हिरण होते हैं. ये सामान्य हिरण की तरह ही दिखते हैं. ऊपर की तरफ गहरे भूरे रंग के इनका रंग नीचे की ते-आते हल्का भूरा होता जाता है. ऊंचाई में ये करीब दो से तीन फुट के होते हैं. इनके के गले का ऊपरी हिस्सा, पेट एवं पूंछ के निचले हिस्से का रंग सफेद होता है.

काकड़ प्रमुख तौर से दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के जंगलों में खास तौर से पाए जाते हैं. ये भारत, चीन श्रीलंका, पूर्वी हिमालय, और म्यांमार में भी पाए जाते हैं. जानवरों के उद्भव और विकास के नजरिए से माना जाता है कि ये150 से 350 लाख साल पहले भी रहा करते थे क्योंकि इनके जीवाश्म यूरोप के फ्रांस, जर्मनी पोलैंड में पाए जाते थे.

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