सोशल संवाद / डेस्क : झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाली प्रतिष्ठित ओडिशी नृत्यांगना डॉ. उषा कुमारी को बेंगलुरु में आयोजित “इंटरनेशनल क्लासिकल डांस फेस्टिवल 2025” में “पद्मिनी नृत्य रत्न पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। इस गौरवपूर्ण उपलब्धि से न केवल सरायकेला, बल्कि पूरे झारखंड में हर्ष की लहर है।
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इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में देश-विदेश से आए प्रतिष्ठित कलाकारों ने भाग लिया, परंतु डॉ. उषा की ओडिशी नृत्य प्रस्तुति को विशेष सराहना प्राप्त हुई। उनके भावपूर्ण नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। आयोजन समिति की जूरी ने उनके प्रदर्शन को “आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्कृष्टता का उदाहरण” बताया।
डॉ. उषा की इस सफलता पर उनके गुरु अमिश दाश सहित अनेक कला प्रेमियों और सांस्कृतिक संस्थाओं ने बधाई दी है। महोत्सव के दौरान डॉ. उषा ने पारंपरिक ओडिशी नृत्य की समृद्ध परंपरा को आधुनिक मंच पर जीवंत किया, जो कला प्रेमियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक रहा।
गौरतलब है कि इससे पूर्व भी डॉ. उषा को कोलकाता में आयोजित ‘अंतरराष्ट्रीय नृत्य महोत्सव 2024’ में “गिरीधारी सम्मान 2024” से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा उन्हें दिल्ली, जमशेदपुर, भुवनेश्वर और सरायकेला सहित कई सांस्कृतिक मंचों पर सम्मानित किया गया है।