सोशल संवाद /नई दिल्ली: दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने आज पटपड़गंज के स्थानीय विधायक रवींद्र सिंह नेगी के साथ उनके विधानसभा क्षेत्र के चार स्कूलों का मौके पर जाकर निरीक्षण किया। मंत्री महोदय ने पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र के सर्वोदय कन्या विद्यालय, मयूर विहार फेस-2,पॉकेट बी, सर्वोदय कन्या विद्यालय, मंडावली नंबर-1, सर्वोदय कन्या विद्यालय, मंडावली नंबर-3 और राजकीय सह शिक्षा सर्वोदय विद्यालय, वेस्ट विनोद नगर का निरीक्षण किया। निरीक्षण में उनके साथ शिक्षा निदेशक, लोक निर्माण विभाग तथा अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
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स्कूलों के निरीक्षण के बाद मंत्री महोदय ने कहा कि हम अपने विधायकों की शिकायत पर दिल्ली के स्कूलों में जहां-जहां बिल्डिंग में या फिर शिक्षा व्यवस्था में कोई भी खामी है। हम उस जगह खुद जाकर निरीक्षण कर रहे हैं। पटपड़गंज के विधायक श्री रवींद्र सिंह नेगी ने अपने विधानसभा क्षेत्र के कई जर्जर स्कूल भवन का जिक्र किया था। जिसे देखने के लिए मैं आज यहां पहुंचा हूं। हमारे विधायक बीते कई सालों से स्कूलों के निर्माण के रूके हुए काम को लेकर बेहद चिंतित हैं। यहीं नहीं कई खतरनाक घोषित हो चुके स्कूलों में बच्चों का आज भी आना-जाना है। ऐसा नहीं हो सकता है कि स्कूल का एक कमरा बेहद खतरनाक है तो फिर उस स्कूल के आस-पास की बिल्डिंग कैसे सुरक्षित हो सकती है। पटपड़गंज विधानसभा में 20 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें से कई स्कूलों की छते आज भी पक्की तक नहीं हो सकी हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं का भी बेहद अभाव है।

मंत्री महोदय ने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली के जर्जर हो चुके सभी स्कूलों की बिल्डिंग की मरमम्त या स्कूलो का पनर्निर्माण प्राथमिकता के आधार पर करने की योजना बना रही है। ।
शिक्षा मंत्री ने स्कूलों के निरीक्षण के दौरान पाया कि पटपड़गंज इलाके के चारों स्कूलों की बिल्डिंग के कई कमरे बेहद जर्जर और खतरनाक हालत में हैं। उन्होंने यह भी देखा कि स्कूलों के कमरे की छतें लोहे के गार्डर और पत्थर डालकर बनाई गई हैं। जो कभी भी गिर सकती हैं और जिनसे दुघर्टना की भी आशंका बनी रहती है। राजकीय सह शिक्षा सर्वोदय विद्यालय, वेस्ट विनोद नगर के निरीक्षण के दौरान मंत्री महोदय ने पाया कि स्कूल की लाइब्रेरी का कमरा बेहद छोटा और पुराना है। इस कमरे में बच्चो के बैठने के लिए फर्नीचर तक नहीं है। सुविधाओं के अभाव में बच्चे भी लाइब्रेरी में पढ़ने नहीं आते हैं। मंत्री महोदय ने स्कूल की प्रिसिंपल को आदेश दिया कि इसपर तुरंत कार्रवाई की जाए । उन्होंने देखा कि स्कूल में दो कमरे बेहद जर्जर हालात में होने के चलते स्थाई रूप से बंद कर दिए गए हैं।
जब मंत्री महोदय ने स्कूल के प्रिसिंपल से इसके बारे में पूछताछ की तब पता चला कि इन दोनों कमरे की छतें पुरानी होने के कारण कभी भी टूटकर गिर सकती हैं। दोनों कमरों के दरवाजे और खिड़कियां भी टूटी हुई मिली। तब उन्होंने पीडब्लूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि वह उस पर तुरंत एक्शन लें और 15 मई तक इस स्कूल को मरम्मत कर दुरुस्त करें। स्कूल के प्रिसिंपल ने बताया कि उन्होंने बीते डेढ साल पहले स्कूल की छतों की मरम्मत के लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखकर कई बार सूचित भी किया था। लेकिन अभी तक इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसके अतिरिक्त मंत्री महोदय ने भूगोल के लैब का भी निरीक्षण किया वहां पर भी उनको कई खामियां मिली। लैब् बेहद छोटे से कमरे में बिना आधुनिक साजो-सामान के चल रही थी।

शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया की स्कूलों में बच्चों के लिए पीने का साफ पानी और साफ-सुथरे शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा तक नहीं है। कई स्कूलों में निरीक्षण के दौरान नल की टोटी तक गायब मिली।
सर्वोदय कन्या विद्यालय, मयूर विहार फेस-2,पॉकेट बी के स्कूल के निरीक्षण के दौरान मंत्री महोदय ने बच्चों के दिए जाने वाले मिड डे मील की भी जांच की और खामियां मिलने पर प्रिसिंपल को आदेश दिए की इसकी गुणवत्ता में तत्काल प्रभाव से सुधार किया जाए।
मंत्री महोदय ने कई जगहों पर निरीक्षण के दौरान देखा कि स्कूलों में टीचरों की संख्या या तो बेहद कम हैं या फिर टीचर समय पर नहीं आ रहे हैं। और कई स्कूलों में कक्षा के हिसाब से बच्चे क्षमता से बेहद ज्यादा हैं। जिससे उनको ठीक तरह से बैठने की जगह भी नहीं मिल पाती है।
शिक्षा मंत्री ने सर्वोदय कन्या विद्यालय, मंडावली नंबर-1 के निरीक्षण के दौरान पाया कि इस स्कूल की बिल्डिंग भी खतरनाक घोषित हो चुकी हैं। मंत्री महोदय को स्कूल की प्रिसिंपल ने बताया कि यह बिल्डिंग साल 1960 में बनी थी। 1800 बच्चों के इस स्कूल के सभी कमरों में बारिश के दिनों में सीपेज की गंभीर समस्या हो जाती है। जिसके कारण बाथरूम के साथ एक-दो कमरे की छतें भी टूटकर गिर चुकी है। तब से लेकर कई बार इस बिल्डिंग के पुनर्निर्माण के लिए लिखा जा चुका है, लेकिन आजतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। प्रिसिंपल ने यह भी बताया कि इस स्कूल के मल्टीपरपज हॉल में बारिश के दिनों में तीन से चार फीट तक पानी भर जाता है,
जिससे स्कूल में बिजली का करंट फैलने का खतरा मंडराता रहता है। मंत्री महोदय ने मल्टी परपज हॉल की मरम्मत या नया वनाने के लिए शिक्षा निदेशक और पीडब्लूडी के इंजीनियर को निर्देश दिया कि एक हफ्ते के भीतर इसके पुनर्निर्माण के लिए कार्य योजना बनाए और शिक्षा निदेशक को प्रस्तुत करें।
मंत्री महोदय को सर्वोदय कन्या विद्यालय, मंडावली नंबर-3 में निरीक्षण के दौरान भी कई कमियां मिली। इस स्कूल में एक स्विमिंग पूल 2023 में बनाया गया था। जो आजतक शुरू तक नहीं हो सका है। उन्होंने देखा कि स्विमिंग पूल में कई जगहों पर पानी जमा होने के कारण काई जमी हुई है। स्विमिंग पूल के नीचे का फ्लोर में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग होने से फूल कर उखड़ गया है। मंत्री महोदय ने मौके पर मौजूद शिक्षा निदेशक को आदेश दिया कि इस स्विमिंग पूल के निर्माण कार्य की तय शुदा वक्त में विजिलेंस से जांच कराने के निर्देश दिए और शिक्षा निदेशक को कहा की जांच में जो भी दोषी पाया जाए उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
इस स्कूल में मौजूद स्विमिंग पूल के निर्माण पर ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च आया था। उन्होंने कहा कि जिस स्कूल के स्विमिंग पूल को पिछली सरकार अपना रोल मॉडल बताती थी उसकी दुर्दशा देखकर मुझे बहुत चिंता हो रही हैं। पिछली सरकार की नाकामियों के चलते दिल्ली के सरकारी स्कूलों की ऐसी दुर्दशा हो गयी है।
सूद ने बताया कि दिल्ली की माननीय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में हमारी सरकार दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए दिल्ली सरकार ने शिक्षा के बजट में 19 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी कर कुल बजट 19291 करोड़ का किया है। ताकि शिक्षा बजट के पैसे से दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों की दशा एवं दिशा में सुधार कर बच्चों को मूलभूत सुविधा मुहैया करवाई जा सके।
और बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल सके। शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि पिछली सरकार ने दिल्ली के राउज एवेन्यू और पटपड़गंज के दो स्कूलों को चमका कर लोगों में शिक्षा क्रांति का भ्रम फैलाया। पिछली सरकार ने विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को भ्रमित भी किया। आज दिल्ली की जनता के सामने उनकी पोल खुल रही है। अभी तो सिर्फ चार स्कूलों के निरीक्षण में ही इतनी खामियां मिली है कि जिनको सुधारने में काफी वक्त लगेगा।