सोशल संवाद/ डेस्क: टेंडर आवंटन घोटाला मामले में ईडी ने विशेष अदालत में एक याचिका दाखिल की है. याचिका में ईडी ने पूर्व मंत्री आलमगीर आलम, उनके तत्कालीन ओएसडी संजीव लाल और ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख अभियंता वीरेंद्र राम के खिलाफ अब तक अभियोजन की स्वीकृति नहीं मिलने की जानकारी दी है.

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ईडी का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित आरोपों के तहत इन तीनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लगभग 120 दिन पहले राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति मांगी गई थी. लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है. इस स्थिति को देखते हुए ईडी ने कोर्ट से आग्रह किया है कि सुप्रीम कोर्ट के नवंबर 2024 के फैसले के आलोक में स्वत: अनुमोदन माना जाए, ताकि आरोपितों के खिलाफ मुकदमा चलाया जा सके.
नवंबर 2024 से पहले तक मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति लेना अनिवार्य नहीं था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि अब ऐसे मामलों में मुकदमा शुरू करने से पहले संबंधित सरकार की स्वीकृति अनिवार्य होगी.
ईडी ने अदालत से अनुरोध किया है कि राज्य सरकार द्वारा जानबूझकर जवाब न देने को स्वीकृति मानते हुए मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाया जाए.








