सोशल संवाद / डेस्क : अगर आप पेटीएम, फोनपे, गूगल पे या भीम जैसे UPI ऐप का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है! दूरसंचार विभाग (DoT) ने आपको ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने के लिए वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक (FRI) नामक एक नई सुरक्षा प्रणाली शुरू की है।
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यह क्या करता है?
FRI धोखाधड़ी या संदिग्ध गतिविधि में इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबरों को खोजेगा और उन्हें चिह्नित करेगा। अगर कोई नंबर जोखिम भरा है, तो उसे तुरंत ब्लॉक किया जा सकता है।
यह आपकी कैसे मदद करता है?
- अगर किसी लेनदेन में कोई संदिग्ध नंबर इस्तेमाल किया जाता है, तो FRI बैंकों और UPI ऐप को अलर्ट करता है।
- इससे धोखाधड़ी को होने से पहले ही रोकने में मदद मिलती है।
- सिर्फ़ बैंकों के लिए ही नहीं – पेटीएम, फोनपे और जीपे जैसे ऐप भी उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- संक्षेप में – यह नई प्रणाली सभी के लिए ऑनलाइन भुगतान को सुरक्षित बनाएगी।
FRI किन नंबरों को पकड़ेगा?
- ऐसे नंबर जो पहले से ही किसी फ्रॉड से जुड़े पाए गए हैं
- ऐसे नंबर जिन्होंने KYC या वेरिफिकेशन पूरा नहीं किया है
- या जो बार-बार नियमों का उल्लंघन करते हैं
- ऐसे सभी नंबरों को इस सिस्टम के ज़रिए फ़्लैग किया जाएगा और ज़रूरत पड़ने पर ब्लॉक किया जाएगा।
यह क्यों ज़रूरी है?
आजकल डिजिटल पेमेंट बहुत आम हो गया है, लेकिन इसके साथ ही साइबर फ्रॉड के मामले भी तेज़ी से बढ़े हैं। ऐसे में सरकार के इस कदम से न सिर्फ़ आम लोगों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि डिजिटल ट्रांजेक्शन पर भरोसा भी बढ़ेगा।
यूजर्स को क्या करना चाहिए?
- अपने मोबाइल नंबर और UPI ऐप को हमेशा वेरिफाई रखें
- किसी भी अनजान कॉल या लिंक पर भरोसा न करें
- अगर आपको अपने ट्रांजेक्शन में कोई समस्या आती है, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें।
DoT की यह पहल देश को सुरक्षित डिजिटल इकोसिस्टम की ओर ले जा रही है। अगर आपने अब तक UPI से जुड़ी सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया है, तो अब समय आ गया है कि आप सतर्क हो जाएँ।