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किसानों को मिलेगी अब फसलों की ज्यादा कीमत:धान समेत 14 फसलों की MSP में बढ़ोतरी, किसान क्रेडिट कार्ड पर कम ब्याज में मिलेगा लोन

By Riya Kumari

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Farmers will now get higher prices for their crops: MSP of 14 crops including paddy increased

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सोशल संवाद/डेस्क : केंद्र सरकार ने धान, कपास, सोयाबीन, अरहर समेत खरीफ की 14 फसलों की मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) बढ़ा दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने आज यानी 28 मई को यह फैसला लिया। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि धान की नई MSP 2,369 रुपए तय की गई है, जो पिछली MSP से 69 रुपए ज्यादा है।

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कपास की नई MSP 7,710 रुपए तय की गई है। इसकी एक दूसरी किस्म की नई MSP 8,110 रुपए कर दी गई है, जो पहले से 589 रुपए ज्यादा है। नई MSP से सरकार पर 2 लाख 7 हजार करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। यह पिछले फसल सीजन की तुलना में 7 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि MSP फसल की लागत से कम से कम 50% ज्यादा हो, इस बात का ध्यान रखा गया है।

क्या है MSP या मिनिमम सपोर्ट प्राइस 

मिनिमम सर्पोट प्राइस यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य वो गारंटीड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हो। इसके पीछे तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर किसानों पर न पड़े। उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे।

सरकार हर फसल सीजन से पहले CACP यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेज की सिफारिश पर MSP तय करती है। यदि किसी फसल की बम्पर पैदावार हुई है तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती हैं, तब MSP उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइस का काम करती है। यह एक तरह से कीमतें गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है।

MSP में 23 फसलें शामिल हैं:

  • 7 प्रकार के अनाज (धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी और जौ)
  • 5 प्रकार की दालें (चना, अरहर/तुअर, उड़द, मूंग और मसूर)
  • 7 तिलहन (रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम, निगरसीड)
  • 4 व्यावसायिक फसलें (कपास, गन्ना, खोपरा, कच्चा जूट)

खरीफ की फसलों में कौन-कौन सी फसलें आती हैं? 

धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन, उडद, तुअर, कुल्थी, जूट, सन, कपास आदि। खरीफ की फसलें जून जुलाई में बोई जाती हैं। सितंबर-अक्टूबर में इनकी कटाई होती है।

कैबिनेट के अन्य फैसले

1. किसान क्रेडिट कार्ड की ब्याज सब्सिडी योजना को आगे बढ़ाया 

केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की ब्याज सब्सिडी योजना को जारी रखने का फैसला किया। ब्याज सब्सिडी योजना (MISS) को अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जारी रखने को मंजूरी दे दी है। इसके लिए जरूरी फंड भी तय कर लिया गया है। ये योजना किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए किसानों को कम ब्याज पर लोन देने के लिए है।

किसान KCC से 3 लाख रुपए तक का लोन 7% ब्याज पर ले सकते हैं, जिसमें बैंकों को 1.5% ब्याज सब्सिडी मिलती है। जो किसान समय पर लोन चुका देते हैं, उन्हें 3% तक का प्रोत्साहन मिलता है, यानी उनका ब्याज सिर्फ 4% रह जाता है। पशुपालन या मछली पालन के लिए लोन पर 2 लाख रुपए तक की सीमा पर ये लाभ मिलता है।

2. दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी 

कैबिनेट ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भारतीय रेलवे की दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी। इसके तहत रतलाम-नागदा के बीच तीसरी और चौथी लाइन डाली जाएगी। वहीं वर्धा- बल्हारशाह चौथी लाइन टाली जाएगी। इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 3,399 करोड़ रुपए है और इन्हें 2029-30 तक पूरा किया जाएगा।

3. आंध्र प्रदेश में बडवेल-नेल्लोर के बीच फोर-लेन हाईवे को मंजूरी 

केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश में बडवेल-नेल्लोर के बीच 108 किलोमीटर लंबे फोर-लेन हाईवे परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना की लागत 3,653 करोड़ रुपए है। यह हाईवे आंध्र प्रदेश के कृष्णापटनम पोर्ट और नेशनल हाईवे-67 के एक हिस्से को जोड़ने का काम करेगा, जिससे पोर्ट कनेक्टिविटी बेहतर होगी। यह सड़क तीन प्रमुख इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के नोड्स को भी जोड़ती है- VCIC (कोप्पर्थी), HBIC (ओरवाकल) और CBIC (कृष्णपटनम)।

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