सोशल संवाद /डेस्क: मंगलवार 11 अप्रैल। यह तारीख भारत के ब्लाइंड क्रिकेटर्स के लिए खास था। क्योंकि इसी दिन भारत की पहली विमेंस क्रिकेट टीम का गठन हुआ। टीम अब नेपाल में 25 से 30 अप्रैल के बीच पांच टी-20 मैचों की सीरीज खेलने वाली है। क्रिकेट एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड इंडिया (CABI) को यह टीम बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। यहां तक कि चंदा जुटाने की भी नौबत आ गई ऐसे खिलाड़ियों के भविष्य का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सबसे पहले कैबी सचिव जॉन डेविड की जुबानी सुनते है
मेंस टीम के गठन के बाद से ही नेशनल एसोसिएशन विमेंस टीम बनाने की सोच रही थी। लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। हमारे पास ब्लाइंड खिलाड़ी तलाशने, फंड जुटाने और स्पॉन्सरशिप जुटाने जैसी कई समास्याएं थीं। नेपाल, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में नेशनल ब्लाइंड विमेंस क्रिकेट टीम बना चुके थे। नेपाल-इंग्लैंड ने तो द्विपक्षीय सीरीज भी खेल ली। यही से हमारी टीम बनाने की प्रक्रिया तेज हुई। हमने स्टेट्स एसोसिएशन बनाए। 2019 तक हमारे पास 7 स्टेट्स यूनिट थे।
एक नजर हम टीम की सिलेक्शन पर भी रखते है
देशभर से 16 राज्य की टीमों ने नेशनल सिलेक्शन ट्रायल में भाग लिया। टूर्नामेंट में 16 टीमों से 224 खिलाडियों ने हिस्सा लिया। इसमें से आखिरी में 38 प्लेयर्स को चुना गया और फिर देशभर के बेस्ट 17 खिलाड़ियों की टीम बनी।
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