सोशल संवाद /डेस्क: असम बाढ़ से हलकान है. पूरा प्रदेश जलमग्न है. हर तरफ पानी-पानी हो गया है. बाढ़ के कारण असम में अब तक 107 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 8.4 लाख लोग प्रभावित है. असम में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर मोरीगाँव में दिख रहा है. शनिवार को धेमाजी जिले के गोगामुख राजस्व क्षेत्र में एक शख्स की मौत हो गई. इसके साथ ही इस साल बाढ़, भूस्खलन, तूफान और बिजली गिरने से संबंधित घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों का आंकड़ा 107 हो गया है. असम के बारपेटा, कछार, चिरांग, दरांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, ग्वालपाड़ा, गोलाघाट, हैलाकांडी, मोरीगांव, नगांव, समेत कई और जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है.
कछार और मोरीगांव सबसे ज्यादा प्रभावित
असम में कछार और मोरीगांव में सबसे ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. कछार में 1.5 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इसके अलावा धुबरी और नागांव में बाढ़ से सबसे ज्यादा तबाही मची हुई है. जिला प्रशासन 13 जिलों में 221 राहत शिविर और राहत वितरण केंद्र चला रहा है. इस राहत शिविरों में 72 हजार से ज्यादा विस्थापित लोग शरण लिए हुए हैं. एएसडीएमए ने कहा कि फिलहाल प्रदेश में 1,705 गांव जलमग्न हैं और असम में 39,898.92 हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं.
बाढ़ के कारण प्रदेश में भारी नुकसान
असम के बारपेटा, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, ग्वालपाड़ा, कोकराझार, बोंगाईगांव, कछार, चराईदेव, गोलाघाट, मोरीगांव समेत कई इलाकों में बाढ़ से खासी तबाही मची है. बाढ़ के पानी से तटबंध, सड़कें, पुल समेत अन्य बुनियादी ढांचे को बहुत नुकसान पहुंचा है. अभी निमाटीघाट, तेजपुर और धुबरी में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसकी सहायक नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. एएसडीएमए ने कहा कि बराक नदी की सहायक नदी कुशियारा भी करीमगंज शहर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. भाषा इनपुट से साभार