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बैंक के चक्कर, लाइन और इंतजार से छुट्टी; झारखंड में घर बैठे किसानों को मिलेगा लोन

By Muskan Thakur

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सोशल संवाद/डेस्क : झारखंड राज्य के किसानों के लिए अच्छी खबर है। राज्य के किसानों को अब कृषि लोन के लिए न तो लंबा इंतजार करना पड़ेगा और न ही बैंकों के चक्कर काटने होंगे। तीन से चार दिनों में उन्हें बिना किसी झंझट के लोन की राशि स्वीकृत होकर उनके खाते में आ जाएगी। यह सुविधा उन्हें ई-केसीसी (ई किसान क्रेडिट) पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध करायी जाएगी। इसके लिए नाबार्ड, झारखंड स्टेट कॉपरेटिव बैंक एवं सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक, धनबाद ने एक त्रिपक्षीय करार (एमओयू)किया है।

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कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीक की उपस्थिति में नाबार्ड, जेएससीबी एवं सीसीबी के प्रतिनिधियों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। बता दें कि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने चेन्नई स्थित 24X7 मनीवर्क्स कंसल्टिंग के सहयोग से ग्रामीण बैंकिंग संस्थाओं के लिए ई किसान क्रेडिट पोर्टल तैयार किया है, ताकि किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) धारकों को बगैर विलंब किए समय पर लोन दिया जा सके। ग्रामीण सहकारी बैंकों (आरसीबी) और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए इस पोर्टल के माध्यम से किसान बैंक गए बिना ही लोन का कागज रहित प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे।

पोर्टल के माध्यम से होगी ऑनलाइन ट्रैकिंग

ई-केसीसी पोर्टल पूरी तरह ऑनलाइन होगा। जिससे किसानों के आवेदन के साथ-साथ पूरी प्रक्रिया की सुगमतापूर्वक पेपर लेस ट्रैकिंग की जा सकेगी। इसके माध्यम से ऑनलाइन देखा जा सकेगा कि आवेदन कहां पेंडिंग है? कितने आवेदन जमा हुए, उसमें कितने पेंडिंग हैं, कितने स्वीकृति हुए, पेंडिंग का कारण क्या है? साथ ही स्केल ऑफ फायनांस कितना है? यही नहीं, पेंमेंट के डेट पर किसानों को अलर्ट करने एवं डिफॉल्ट होने पर रिकवरी अलर्ट आसानी से किया जा सकेगा।

ई-केसीसी पोर्टल का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसानों को स्वीकृत पूरी राशि मिलेगी। फिलहाल किसानों को न सिर्फ बैंकों के चक्कर काटने पड़ते हैं, बल्कि किसानों को स्वीकृत लोन की राशि में से भी बैंक कम ही राशि भुगतान करते हैं। इसके अलावा बिचौलिए भी हजारों रुपए कमीशन ले लेते हैं, जिस कारण किसान लोन लौटाने में असमर्थ हो जाते हैं।

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