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मैलवेयर से लेकर साइबर बुलिंग तक, ऑनलाइन गेमिंग के हैं कई खतरे, ऐसे रखें खुद को सुरक्षित

By Riya Kumari

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From malware to cyber bullying, online gaming has many dangers, keep yourself safe like this

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सोशल संवाद / डेस्क : ऑनलाइन गेमिंग आज एक बड़े उद्योग का रूप ले चुका है। कुछ लोग ऑनलाइन गेमिंग को शौक के तौर पर करते हैं, तो कुछ ने इसे अपना पेशा बना लिया है। हालाँकि, इसके कई खतरे भी हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने पैसों से जुड़े ऑनलाइन गेम्स पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। ऐसे में यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े खतरे क्या हैं और उनसे कैसे बचा जाए।

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ऑनलाइन गेमिंग के खतरे

साइबर बुलिंग- ऑनलाइन गेम खेलने वालों में बड़ी संख्या बच्चों की होती है। ऐसे में उन्हें साइबर बुलिंग का खतरा रहता है। कई बार गेमर्स दूसरे खिलाड़ियों के साथ बदसलूकी करने लगते हैं। कई बार इसके पीछे मकसद उनकी निजी जानकारी हासिल करना हो सकता है।

मैलवेयर और वायरस

कई बार गेमर्स अपने पसंदीदा गेम के मुफ़्त या सस्ते वर्ज़न पाने के लिए अनधिकृत साइट्स पर चले जाते हैं, जिससे वायरस और मैलवेयर इंस्टॉल होने का ख़तरा बढ़ जाता है। सिस्टम में वायरस या मैलवेयर इंस्टॉल हो जाने के बाद, हैकर्स के लिए यूज़र्स की निजी जानकारी चुराना आसान हो जाता है।

पहचान की चोरी

ऑनलाइन गेम्स में एक चैट फ़ंक्शन होता है जिसके ज़रिए गेमर्स एक-दूसरे से बात कर सकते हैं। कई बार साइबर अपराधी इस फ़ंक्शन का इस्तेमाल दूसरे गेमर्स की संवेदनशील जानकारी चुराने के लिए करते हैं। इसलिए, गेमिंग के दौरान अपनी जानकारी साझा करते समय हमेशा सावधान रहना चाहिए।

गोपनीयता संबंधी समस्याएँ

ऑनलाइन गेमिंग के दौरान, साइबर अपराधी गेमर्स की निजी जानकारी चुराकर उनके दूसरे सोशल मीडिया अकाउंट्स तक पहुँच सकते हैं। इस जानकारी से वे गेमर का एक नया सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर परेशानी खड़ी कर सकते हैं।

कैमरा हैक होने का खतरा

आजकल लोग मोबाइल फ़ोन पर ऑनलाइन गेमिंग काफ़ी ज़्यादा खेलते हैं। ऐसे में मोबाइल के फ्रंट कैमरा के हैक होने का ख़तरा भी बढ़ गया है। हैकर्स मोबाइल कैमरा और माइक्रोफ़ोन हैक करके ब्लैकमेल कर सकते हैं।

छिपे हुए शुल्क

ऑनलाइन गेमिंग का एक ख़तरा छिपे हुए शुल्क हैं। कभी-कभी डाउनलोड करते समय इन शुल्कों का ज़िक्र नहीं किया जाता, लेकिन गेम खेलने के लिए ज़रूरी सामान खरीदने के लिए पैसे मांगे जाते हैं। इसके लिए क्रेडिट कार्ड की जानकारी मांगी जाती है।

ऑनलाइन गेमिंग से कैसे बचें?

इन ख़तरों के बावजूद, ऑनलाइन गेमिंग उद्योग तेज़ी से बढ़ रहा है। आप कुछ सावधानियां बरतकर भी इन खतरों से बच सकते हैं। आइए जानते हैं ऑनलाइन गेमिंग के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

संदिग्ध लिंक या स्रोतों से बचें- कोई भी गेम या ऐप डाउनलोड करते समय, संदिग्ध लिंक या स्रोतों से बचना चाहिए। इन स्रोतों पर मैलवेयर या वायरस का खतरा होता है। इसलिए हमेशा अधिकृत स्रोत से ही गेम डाउनलोड करें।

अपनी निजी जानकारी न दें- गेमिंग के दौरान अपनी निजी जानकारी किसी को न दें। साथ ही, गेमिंग यूज़रनेम में अपना असली नाम, जन्मदिन या लोकेशन आदि का इस्तेमाल न करें। गेम खेलते समय ध्यान रखें कि आप बातचीत के दौरान अपनी निजी जानकारी किसी के साथ साझा न करें।

मज़बूत पासवर्ड और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन

अपने अकाउंट के लिए हमेशा एक मज़बूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें। यह साइबर क्राइम से बचने का एक कारगर तरीका है। साथ ही, अगर कोई गेम टू या मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन दे रहा है, तो उसे इनेबल कर दें। इससे आपको अतिरिक्त सुरक्षा मिलती है।

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