सोशल संवाद / डेस्क : झारखंड सरायकेला जिले के सबसे ज्यादा उग्रवादी प्रभावित क्षेत्र कुचाई में शिक्षा व्यवस्था को बीते 10 साल से दुरुस्त करने वाले प्राइवेट स्कूल को अचानक बंद करने का आदेश दे दिया गया। दरअसल, यह पूरा मामला तब प्रकाश में आया जब कुचाई से 200 छात्र अपने अभिभावकों के साथ सरायकेला मुख्यालय पहुंचे। यहां वे मौन प्रदर्शन करते हुए देखे गए।
वहीं जानकारी देते हुए क्षेत्र की जिला परिषद सदस्य लक्ष्मी सरदार ने बताया कि सोसायटी फॉर इनफॉरमेशन एंड एडवांसमेंट फॉर आदिवासी नाम के एक एनजीओ ने अनुसूचित जाति एवं जनजातीय बच्चों के लिए यह स्कूल कुचाई में बीते 10 साल से लगातार चल रहा था। इस बीच सरकार की गलत नीतियों के चलते मिलने वाला सरकारी अनुदान बीते दो साल से पूरी तरह रोक दिया गया।
इसके बाद स्कूल खुद से निशुल्क शिक्षा आदिवासी बच्चों को उपलब्ध करा रहा था, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि राज्य सरकार की लापरवाही के चलते आज अचानक स्कूल को बंद करने का नोटिस हॉस्टलों में दी गई. वहीं इसका विरोध सभी अभिभावक और विद्यार्थियों ने किया। जानकारी देते हुए छात्रों के अभिभावकों ने बताया कि स्कूल का संचालन करने वाली स्वयंसेवी संस्था आसरा को राज्य स्तर पर पिछले 2 सालों से संचालन के लिए एक भी राशि मुहैया नहीं कराई गई
आपोक बता दें कि, इस स्कूल में छठवीं से लेकर दसवीं तकरीबन 200 छात्र यहां पढ़ते हैं। वहीं अचानक स्कूल बंद होने के बाद बुधवार को सभी छात्र कुचाई से समाहरणालय पहुंचे। यहां छात्रों ने उप विकास आयुक्त प्रवीण कुमार गगराई से मिलकर अपनी परेशानी बताने बताने की कोशिश की,लेकिन अधिकारियों से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई।