सोशल संवाद / धर्म डेस्क: इस बार 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया मनायी जाएगी। इस आपके सभी मनोकामनाएं पूरी होगी। इस पर अक्षय तृतीया पर कई विशेष संयोग बन रहे है। जिसमे सबसे महत्व पूर्ण गजकेसरी योग है जो दान पुण्य का विशेष महत्व रखने वाला योग है। यह त्योहार गजकेसरी राजयोग में मनाया जाएगा। सिर्फ गजकेसरी योग ही नहीं वरन मालव्य, रवि योग, चतुर्ग्रही, सर्वार्थ सिद्धि और लक्ष्मी नारायण राजयोग भी शामिल रहने से इस बार के अक्षय तृतीया का महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन दान पुण्य से लेकर सोना खरीदने की परम्परा है।
सतोष त्रिपाठी ने बताया की तृतीया तिथि 29 अप्रैल को शाम 05:32 मिनट पर प्रारंभ होगी और 30 अप्रैल को दोपहर 02:12 बजे पर समाप्त होगी। इस दिन पूजन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 06 घंटे 37 मिनट की है। इस दौरान पूजन के साथ गृह प्रवेश भी किया जा सकता है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सोना-चांदी न ले सकें तो बर्तन या कौड़ी, तुलसी, पीली सरसों, सेंधा नमक, जौ, रूई व श्री यंत्र खरीदना बेहद शुभ रहेगा।
हल्दी की पांच गांठ, सतनाजा (सात तरह का अनाज), कोई भी धार्मिक पुस्तक, जप माला, खासकर हल्दी या कमलगट्टे की माला, भगवान के वस्त्र, मोरपंख, ठाकुरजी की बांसुरी, फल, सब्जी, अनाज का दान करना भी फलदायी होता है। घड़ा, पंखा, वस्त्र, शृंगार सामग्री, छाता, जूता, चप्पल, खड़ाऊं, बेल फल, ऋतु फल आदि का भी दान दिया जा सकता है।