सोशल संवाद/ डेस्क: फर्जी सर्टिफिकेट और दस्तावेज का खेल इन दिनों खूब फल फूल रहा है।बक्सर जिले के ब्रह्मपुर नगर पंचायत में एक नोटरी अधिवक्ता के घर से लगभग ढाई लाख रुपये के फर्जी स्टाम्प पेपर बरामद किया गया जिसके बाद अधिवक्ता को गिरफ्तारी कर लिया गए है। इस घटना ने उन लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, जिन्होंने इस अधिवक्ता से शपथ पत्र बनवाए या स्टांप खरीदे। लोग अब अपने कागजातों की वैधता को लेकर परेशान हैं और यह सवाल उठ रहा है कि उनके दस्तावेजों का क्या होगा?
फर्जी स्टाम्प के जरिए शपथ पत्र और अन्य सरकारी कार्यों में उपयोग की खबरों ने आम लोगों को हैरान कर दिया है। चर्चा है कि बड़े पैमाने पर फर्जी स्टाम्प पेपर का उपयोग सर्वे और विभिन्न सरकारी विभागों के कामकाज में किया गया, जिससे सरकारी राजस्व को भी नुकसान पहुंचा है।
लोग इस बात से चिंतित हैं कि उनके स्टाम्प की मान्यता अब विभागों में रहेगी या नहीं। जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल को गुप्त सूचना मिली थी कि ब्रह्मपुर के चौरास्ता के पास फर्जी स्टाम्प पेपर की बिक्री हो रही है। उनके निर्देश पर जिला कोषागार पदाधिकारी सुकर पासवान, अनुमंडल अधिकारी राकेश कुमार और एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी की संयुक्त टीम ने छापेमारी की। इस दौरान नोटरी अधिवक्ता असीम कुमार को गिरफ्तार किया गया और उसके घर से 2,45,935 रुपये मूल्य के फर्जी स्टाम्प पेपर बरामद किए गए।