---Advertisement---

गाड़ी का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना हो सकता है महंगा:IRDAI ने 18-25% तक प्रीमियम बढ़ाने का सुझाव दिया, जानें कितने ज्यादा रुपए चुकाने होंगे

By Riya Kumari

Published :

Follow
Getting third party insurance for your vehicle can be expensive

Join WhatsApp

Join Now

सोशल संवाद/डेस्क : अगर आपके पास कोई गाड़ी है, चाहे वह कार हो, बाइक हो या कमर्शियल व्हीकल हो तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। जल्द ही आपका मोटर थर्ड पार्टी बीमा यानी मोटर थर्ड पार्टी (Motor Third Party- TP) इंश्योरेंस महंगा हो सकता है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, बीमा नियामक प्राधिकरण IRDAI ने मोटर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम में औसतन 18% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। खास बात यह है कि कुछ श्रेणियों के वाहनों पर यह बढ़ोतरी 20 से 25% तक हो सकती है। आइए जरा विस्तार से इसकी डिटेल्स जानते हैं।

यह भी पढ़े : 11 साल में 27 करोड़ भारतीय अत्यधिक-गरीबी से बाहर निकले:वर्ल्ड बैंक ने कहा- भारत में एक्स्ट्रीम पॉवर्टी 27.1% से घटकर 5.3% रह गई

इस प्रस्ताव पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) अंतिम फैसला लेगा। अगले 2-3 हफ्तों में इस पर निर्णय लिया जा सकता है। उसके बाद एक ड्रॉफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा, जिस पर जनता से फीडबैक भी लिया जाएगा, फिर इसे लागू किया जाएगा।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है ?

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस, मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अनिवार्य होता है। यह बीमा उस स्थिति में काम आता है, जब आपकी गाड़ी से किसी तीसरे व्यक्ति को जान या माल की हानि होती है। यह बीमा उन नुकसानों को कवर करता है, जो आपने नहीं बल्कि किसी और को हुए हैं।

बीमा कंपनियों की हालत खराब

सूत्रों की मानें तो बीमा कंपनियों को थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में काफी नुकसान हो रहा है। FY25 में न्यू इंडिया एश्योरेंस (New India Assurance) (सरकारी कंपनी) का TP लॉस रेशियो 108% रहा यानी जितना प्रीमियम मिला, उससे ज्यादा क्लेम देना पड़ा। गो डिजिट (Go Digit) और ICICI लोमबार्ड जैसे प्राइवेट प्लेयर्स ने भी 69% और 64.2% लॉस रेशियो रिपोर्ट किया है। इसी वजह से IRDAI का मानना है कि अब प्रीमियम बढ़ाना जरूरी हो गया है, ताकि बीमा कंपनियों की वित्तीय स्थिति संतुलित हो सके।

आखिरी बार कब बढ़ा था बीमा प्रीमियम ?

आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले चार सालों से थर्ड पार्टी प्रीमियम में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। 2021 में आखिरी बार दरें बढ़ी थीं, लेकिन तब से महंगाई, मेडिकल खर्च, कोर्ट द्वारा तय किए गए मुआवजे और सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए बीमा कंपनियां लगातार घाटे में जा रही हैं।

YouTube Join Now
Facebook Join Now
Social Samvad MagazineJoin Now
---Advertisement---