सोशल संवाद/डेस्क/Ghatshila By-Election: पूर्व मंत्री सह घाटशिला विधायक रामदास सोरेन के निधन के बाद घाटशिला सीट पर उपचुनाव होना तय है। इसके लिए प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर है। वहीं राजनीतिक दलों ने भी क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी है। इस सीट पर भाजपा और झामुमो का सीधा मुकाबला होता है जिसके कारण सभी की नजर दोनों पार्टियों में कौन प्रत्याशी बनेगा इस पर टिकी हुई है।
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भाजपा में टिकट को लेकर कई दावेदार चर्चा में है जबकि झामुमो में रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश सोरेन को टिकट मिलना तय माना जा रहा है। क्षेत्र में भाजपा और झामुमो के नेताओं के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप कुमार बालमुचु क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं जो चर्चा का विषय बना हुआ है। अचानक सक्रिय होने पर लोगों में कई तरह की बातें हो रही है। जानकारी हो कि प्रदीप कुमार बालमुचू को क्षेत्र के कदावर नेता के रूप में जाने जाते हैं। वह 1995 से लेकर 2004 तक लगातार तीन बार कांग्रेस की टिकट जीत हासिल करके विधायक बने थे। आज भी उनके क्षेत्र में मजबूत पकड़ मानी जाती है।
घाटशिला क्षेत्र में प्रदीप कुमार बालमुचू के बारे में बोला जाता है कि उनका जिन्हें आशीर्वाद मिल जाता है जितनी निश्चित होती है। यही कारण है कि 2024 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन के बाद झामुमों द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से श्री बालमुचू नाराज हो गए थे जिसे घाटशिला से लेकर रांची तक हड़कंप मच गया था। यह मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा और मुख्यमंत्री सोरेन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए झामुमो नेताओं के साथ उनकी बैठक करवाई गई। बैठक में तय हुआ झामुमो कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पूरा सम्मान देगी।
इधर इस बार भी कांग्रेस यहां से प्रत्याशी नहीं उतारेगी ऐसी स्थिति में प्रदीप कुमार बालमुचू का क्षेत्र में लगातार सक्रिय होना पहली बन गई है। इसको लेकर तरह-तरह की कयास लग रहे हैं। चर्चा की माने तो भाजपा भी उन पर डोरे डाल रहे हैं ताकि घाटशिला सीट पर जीत हासिल की जा सके। हालांकि प्रदीप कुमार बालमुचू समर्थक ऐसे किसी संभावना से इनकार कर रहे हैं।








