सोशल संवाद/डेस्क: Goa के मशहूर पर्यटन क्षेत्र अरपोरा में स्थित बिर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में लगी भीषण आग ने पिछले दिनों पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था। तेज़ी से फैली इस आग में 25 लोगों की जान चली गई एक ऐसा हादसा जिसने राज्य के सुरक्षा मानकों, क्लब संचालकों की लापरवाही और प्रशासन की निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस त्रासदी के बाद से ही क्लब के मालिक सौरभ और गौरव लूथरा चर्चा के केंद्र में रहे।

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हादसे के कुछ ही घंटों बाद दोनों भाई देश छोड़कर फरार हो गए थे। शुरुआत में यह रहस्य बना रहा कि वे इतनी जल्दी भारत से बाहर कैसे निकल गए। लेकिन अब जांच में खुलासा हुआ है कि आग लगने के लगभग पाँच घंटे के भीतर ही दोनों ने दिल्ली से थाईलैंड के लिए फ्लाइट टिकट बुक कर लिया था।
उस समय फायर ब्रिगेड और पुलिस टीमें घटनास्थल पर फंसे लोगों को बचाने में जुटी थीं, जबकि क्लब संचालक देश छोड़ने की योजना पर काम कर रहे थे। इस तेजी से भागने ने कई कानूनी और नैतिक सवाल खड़े कर दिए क्या यह पहले से बनाई गई रणनीति थी? क्या उन्हें किसी अंदरूनी मदद का भरोसा था?
इंटरपोल की ब्लू नोटिस और भारत सरकार द्वारा जारी लुक-आउट सर्कुलर के बाद अब दोनों भाइयों को थाईलैंड के फुकेट में हिरासत में ले लिया गया है। अब सामने आई उनकी गिरफ्तारी की पहली तस्वीरों ने मामले को और सुर्खियों में ला दिया है। गोवा पुलिस थाई अधिकारियों के साथ मिलकर उनकी ट्रांजिट कस्टडी लेने की तैयारी में है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द भारत लाया जा सके और अदालत के सामने पेश किया जा सके।
दूसरी ओर, लूथरा भाइयों की ओर से अदालत में यह तर्क दिया गया था कि वे क्लब के दैनिक संचालन का हिस्सा नहीं थे और उन्हें अनुचित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। लेकिन पुलिस की FIR उनकी दलीलों से बिल्कुल उलट तस्वीर पेश करती है।
FIR में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि क्लब में न तो वैध फायर ऑडिट था, न फायर अलार्म सिस्टम और न ही कोई आपातकालीन निकास। स्टाफ़ को भी इन खामियों की जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद जोखिमों को नजरअंदाज किया गया। इन ग़लतियों की वजह से आग लगने के बाद कई मेहमान भीतर फंस गए और बाहर निकलने का रास्ता ही नहीं मिला।
हादसे के बाद सरकार ने न सिर्फ क्लब को सील किया बल्कि लूथरा परिवार की दूसरी अवैध संरचना एक झोपड़ी को भी ढहा दिया। प्रशासन का तर्क था कि यह निर्माण भी सुरक्षा मानकों की खुली अनदेखी करते हुए अवैध रूप से खड़ा किया गया था।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस पूरे मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि प्रदेश में सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने तटीय इलाकों के सभी क्लब संचालकों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी भी प्रतिष्ठान में सुरक्षा नियमों की अनदेखी पाई गई तो उसके खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी। इसी बीच दिल्ली से क्लब के सह-स्वामी अजय गुप्ता को भी हिरासत में लिया गया है। गुप्ता का कहना है कि वे मात्र “स्लीपिंग पार्टनर” थे और उन्हें क्लब के सुरक्षा इंतज़ामों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
अब अगले चरण के तहत, थाईलैंड से लूथरा भाइयों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू होगी। उन्हें भारत लाए जाने के बाद अदालत यह निर्धारित करेगी कि लापरवाही किस स्तर पर हुई, कौन से प्रोटोकॉल टूटे और इस दर्दनाक त्रासदी के लिए वास्तविक जिम्मेदार कौन है।
यह मामला न सिर्फ दो लोगों की गिरफ्तारी से जुड़ा है, बल्कि देश भर में नाइटलाइफ़ उद्योग के सुरक्षा मानकों पर भी बड़ा सवाल उठाता है। आने वाले हफ्तों में यह केस कई महत्वपूर्ण खुलासों की दिशा में बढ़ सकता है।








