सोशल संवाद/डेस्क : झारखंड सरकार युवाओं और बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने के लिए लगातार नई योजनाएं लागू कर रही है। इनमें से एक प्रमुख योजना मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना है। इस योजना के तहत राज्य के विशेष वर्गों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे वे स्वरोजगार शुरू कर खुद आत्मनिर्भर बन सकें और समाज में रोजगार के नए अवसर पैदा हों।
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योजना का उद्देश्य और लाभार्थी
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना खास तौर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक समुदाय, पिछड़ा वर्ग और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए लागू है। इस योजना में 18 से 50 वर्ष तक के आयु वाले लोग आवेदन कर सकते हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य है कि लोग स्वरोजगार के जरिए आर्थिक रूप से मजबूत हों और छोटे व्यवसाय शुरू कर समाज में रोजगार सृजन करें।
कम ब्याज दर और अनुदान
इस योजना के तहत आवेदकों को 6 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण दिया जाएगा। इसके अलावा अधिकतम 5 लाख रुपये तक का ऋण लेने पर 40 प्रतिशत तक का अनुदान भी मिलेगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई आवेदक 5 लाख रुपये का ऋण लेता है, तो सरकार की ओर से 2 लाख रुपये तक की राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध होगी।
छोटे व्यवसाय शुरू करने वालों के लिए यह योजना और भी आसान है क्योंकि 50,000 रुपये तक का ऋण लेने के लिए किसी गारंटर की जरूरत नहीं है। वहीं, 50,000 रुपये से अधिक राशि के लिए केवल एक गारंटर का प्रावधान रखा गया है। इससे योजना की पहुंच अधिक लोगों तक हो सकेगी।
आवेदन प्रक्रिया
योजना का लाभ लेने के इच्छुक उम्मीदवार जिला कल्याण पदाधिकारी कार्यालय, झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम और झारखंड राज्य आदिवासी सहकारी विकास निगम में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र निगम के शाखा कार्यालय से भी प्राप्त किए जा सकते हैं। आवेदक को सभी दस्तावेज सही और प्रमाणिक रूप से संलग्न करने होंगे।
आवश्यक दस्तावेज
आवेदन के लिए आवेदक को निम्नलिखित दस्तावेज तैयार रखने होंगे:
आयु प्रमाण पत्र
जाति प्रमाण पत्र
पहचान पत्र
झारखंड निवासी प्रमाण पत्र
आय से संबंधित प्रमाणपत्र
साथ ही, आवेदक को यह भी साबित करना होगा कि उन्हें स्वरोजगार या व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण की आवश्यकता है। योजना की शर्तों के अनुसार, आवेदक की वार्षिक आय अधिकतम 5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
स्वरोजगार के अवसर
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का उद्देश्य है कि युवा और बेरोजगार आत्मनिर्भर बनें और राज्य में नए व्यवसाय स्थापित कर रोजगार के अवसर पैदा करें। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि समाज और राज्य की अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगा।
झारखंड सरकार की यह पहल विशेष वर्गों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का रास्ता खोलती है। योजना का लाभ उठाकर इच्छुक आवेदक छोटे व्यवसाय शुरू कर अपनी और अपने परिवार की वित्तीय स्थिति मजबूत कर सकते हैं।








