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पेसा एक्ट को लेकर सरकार का बड़ा एलान, मांगे गए सुझाव, सहमति के बाद होगा लागू

By Annu kumari

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सोशल संवाद/डेस्क :रांची: झारखंड की राजधानी रांची में गुरुवार को पेसा (PESA) नियमावली को लेकर एक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें विशेषज्ञों ने अपने सुझाव दिए। राज्य के जनजातीय बहुल क्षेत्रों में पंचायतों को विशेष अधिकार देने वाली पेसा (पंचायत एक्सटेंशन टू शेड्यूल्ड एरियाज एक्ट) नियमावली सभी की सहमति से ही लागू की जाएगी। बैठक में इसे लेकर इस पर अपने सुझाव में मंत्रियों ने कहा कि इस कार्यशाला में जो भी सुझाव आए हैं, उसे सबकी सहमति से लागू किया जाएगा ताकि बाद में इस पर कोई विवाद ना हो।

पेसा नियमावली के प्रविधानों को लागू करनेवाले प्रमुख विभागों के मंत्रियों ने यह आश्वासन मंगलवार को होटल रेडिसन में आयोजित ‘पेसा विचार गोष्ठी कार्यशाला’ में आदिवासी बुद्धिजीवियों, सामाजिक संगठनों एवं अन्य हितधारकों को दिया। इस पर अपने सुझाव मंत्रियों ने कहा कि इस कार्यशाला में जो भी सुझाव आए हैं, सरकार उन्हें लागू करने के लिए पेसा नियमावली के ड्राफ्ट में एक बार फिर संशोधन करेगी।इससे पहले, कार्यशाला में आदिवासी बुद्धिजीवियों ने राज्य सरकार द्वारा जारी पेसा नियमावली के संशोधित ड्राफ्ट के कई प्रविधानों पर भी आपत्तियां दर्ज कीं। इस क्रम में उन्होंने कई सुझाव भी दिए। कहा गया कि पेसा नियमावली में झारखंड पंचायती राज अधिनियम 2011 के प्रविधानों को थोपा नहीं जाए।

खासकर परंपरागत स्वशासन व्यवस्था के अधिकारों का किसी भी हाल में हनन न हो। पेसा कानून लागू होने के इतने समय बाद भी नियमावली लागू नहीं होने पर भी सवाल उठाए।आठ समूहों के माध्यम से आए सुझावों एवं आपत्तियों को सुनने के बाद सभी मंत्रियों ने आश्वासन दिया कि पेसा एक्ट की भावना से खिलवाड़ नहीं होगा। परंपरागत स्वशासन व्यवस्था के साथ किसी तरह का छेड़छाड़ भी नहीं होगा।

प्रस्तावित नियमावली के प्रमुख प्रविधान

  • लघु खनिज की रॉयल्टी तथा शुल्क से मिलनेवाली राशि ग्राम सभा के कोष में जमा होगी। लघु खनिज की पहचान कर योजना बनाना भी इसका कार्य होगा।
  • बालू घाटों का संचालन ग्राम सभा के माध्यम से होगा। जेसीबी एवं अन्य मशीनों से बालू खनन पर ग्राम सभा रोक लगा सकेगी।
  • पुलिस प्रयास करेगी कि किसी की गिरफ्तारी से पहले ग्राम सभा की स्वीकृति ले। ग्राम सभा 48 घंटे के अंतर्गत गिरफ्तारी के कारणों की जानकारी ले सकेगी।
  • ग्राम सभा एसटी की जमीन को वापस करा सकेगी।
  • वनों की सुरक्षा, संवर्द्धन और प्रबंधन की जिम्मेदारी ग्राम सभा की होगी।
  • ग्राम सभा लघु वनोपज की खरीद एवं बिक्री के लिए न्यूनतम मूल्य तय कर सकेगी तथा रायल्टी का निर्धारण कर सकेगी।
  • ग्राम सभा की अनुमति के बिना शराब एवं अन्य मादक पदार्थ की बिक्री नहीं होगी।

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