सोशल संवाद/डेस्क : पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद मंगलवार दोपहर एक भयानक धमाके से दहल उठी। हाई कोर्ट के पास हुए इस सुसाइड कार ब्लास्ट में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। धमाके की आवाज पूरे शहर में गूंज उठी और कुछ ही मिनटों में घटनास्थल आग की लपटों में बदल गया।
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प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दोपहर करीब 1 बजे के आसपास एक सफेद रंग की कार अचानक हाई कोर्ट के पास खड़ी गाड़ियों की कतार में घुस गई। कुछ ही पलों बाद जोरदार धमाका हुआ और पूरा इलाका आग के गोले में तब्दील हो गया। आसपास मौजूद वाहनों में भी आग लग गई, जिससे मौके पर अफरातफरी मच गई।
धमाके के तुरंत बाद पुलिस और रेस्क्यू टीमों ने पूरे इलाके को घेर लिया। घायलों को पास के पाक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (PIMS) और पॉलीक्लिनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, कई घायलों की हालत नाजुक बनी हुई है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
हमले की पुष्टि और जांच शुरू
इस्लामाबाद पुलिस प्रमुख ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह एक सुसाइड ब्लास्ट प्रतीत हो रहा है। कार में भारी मात्रा में विस्फोटक रखा गया था, जिसके कारण धमाका इतना शक्तिशाली हुआ कि आसपास की कई गाड़ियों और दुकानों के शीशे चकनाचूर हो गए। पुलिस ने इलाके में लगे CCTV फुटेज कब्जे में ले लिए हैं और फॉरेंसिक टीम साक्ष्य जुटाने में लगी है।धमाके के वक्त आसपास मौजूद कई वकील और आम नागरिक बाल-बाल बचे। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “अचानक जोरदार धमाका हुआ, धुएं का गुबार सब तरफ फैल गया। हमें लगा जैसे कोई बम हमारी आंखों के सामने फट गया हो।”
हमले की पृष्ठभूमि और सुरक्षा अलर्ट
पाकिस्तान बीते कुछ महीनों से आतंकी हमलों की चपेट में है। खासकर इस्लामाबाद और पेशावर जैसे संवेदनशील इलाकों में लगातार आतंकी साजिशें सामने आ रही हैं। सूत्रों के अनुसार, खुफिया एजेंसियों ने पहले ही राजधानी में सुरक्षा अलर्ट जारी किया था, लेकिन इसके बावजूद इतनी बड़ी वारदात हो गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला किसी आतंकी संगठन की सुनियोजित साजिश का हिस्सा हो सकता है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान की न्यायपालिका और प्रशासनिक तंत्र में दहशत फैलाना है। हालांकि अभी तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
सरकार और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
धमाके के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि निर्दोष नागरिकों पर इस तरह का हमला मानवता के खिलाफ अपराध है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई और घायलों को हरसंभव इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।
वहीं, गृह मंत्रालय ने देशभर में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने के आदेश दिए हैं। इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर और कराची में प्रमुख सरकारी भवनों और न्यायालय परिसरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस हमले पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और निर्दोष लोगों की जान लेने वालों को कठोर सजा मिलनी चाहिए।
घटनास्थल का दृश्य और राहत कार्य
ब्लास्ट के बाद घटनास्थल पर आग बुझाने के लिए कई दमकल गाड़ियां तैनात की गईं। मौके पर मौजूद तस्वीरों में चारों ओर बिखरे वाहन, झुलसे हुए पेड़ और सड़कों पर फैला मलबा देखा जा सकता है। कई लोगों को अपने प्रियजनों की तलाश में अस्पतालों और थानों के चक्कर लगाते हुए देखा गया।स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि डीएनए जांच के जरिए मृतकों की पहचान की जा रही है। घायल लोगों में कई वकील, कोर्ट स्टाफ और राहगीर शामिल हैं।
सवालों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था
पाकिस्तान की राजधानी में यह हमला सुरक्षा तंत्र पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। जहां उच्च न्यायालय जैसी संवेदनशील इमारतें मौजूद हैं, वहां इतनी आसानी से विस्फोटक सामग्री से भरी कार पहुंच जाना सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है।विश्लेषकों का कहना है कि इस हमले से यह स्पष्ट होता है कि आतंकी संगठन अब भी पाकिस्तान की राजधानी में सक्रिय हैं और वे किसी भी समय बड़ा नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखते हैं।
फिलहाल, प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। पाकिस्तान के लोग एक बार फिर दहशत और असुरक्षा के साये में हैं।








