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हर्ष मल्होत्रा ने कालिन्दीकुंज में यमुना किनारे जाकर आतिशी मर्लेना सरकार के शासन में यमुना की बदहाली की पोल खोली

By Tamishree Mukherjee

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हर्ष मल्होत्रा ने यमुना किनारे जाकर आतिशी मर्लेना सरकार की पोल खोली

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सोशल संवाद / नई दिल्ली ( रिपोर्ट – सिद्धार्थ प्रकाश ) : दिल्ली की आतिशी मार्लेना सरकार गत एक माह से लगातार प्रदूषण से बचाव की तैयारियों को लेकर दावे करती रही है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय गत एक माह से वायु एवं जल प्रदूषण कम करने को लेकर प्रचार प्रसार कर रहे है पर गत 48 घंटे में बढ़े ए.क्यू.आई. एवं यमुना में उठे झागों ने केजरीवाल मार्लेना सरकार की पोल खोल दी है।

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केन्द्रीय राज्य मंत्री और पूर्वी दिल्ली से सांसद हर्ष मल्होत्रा ने आज कालिंदी कुंज में यमुना किनारे जाकर यमुना नदी के ऊपर जमी झाग की चादर की सच्चाई से सबको रुबरू करवाया l पानी के ऊपर तैरते झागों की सफ़ेद चादर इस बात के गवाह है कि पिछले 10 सालों से लगातार दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और अब आतिशी मार्लेना सरकार सिर्फ़ यमुना सफ़ाई को लेकर दावे ही कर रही हैं पर ज़मीनी हक़ीक़त अभी भी कुछ और है।

केंद्र सरकार द्वारा यमुना सफ़ाई को लेकर दिए गए करोड़ों रुपये के बावजूद केजरीवाल सरकार आरोप प्रत्यारोप की राजनीति से बाहर नहीं आ पाई है। इस मौके पर दिल्ली भाजपा प्रवक्ता एवं पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. अनिल गुप्ता स्थानीय निगम पार्षद ब्राह्म सिंह सहित अन्य पदाधिकारी और इस यमुना प्रदूषण के कारण सबसे ज़्यादा परेशान वहाँ के स्थानीय लोग उपस्थित थे।

इस मौक़े पर हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि पिछले 11 सालों से लगातार चाहें वह 2013 हो 2015 हो या फिर 2020 का चुनाव में अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी इस बात पर सवाल उठाती रही कि यमुना प्रदूषित है और हम इसे साफ़ करके दिल्लीवालों के साथ डुबकी लगाएंगे लेकिन आज यमुना किनारे खड़ा होना भी कई बीमारियों को बुलावा देना है देना है।

हर बार चुनावी वादा करके आम आदमी पार्टी यह दावा करती है कि वह यमुना को साफ़ करेगी पर करती कुछ नही। जब भी छठ महापर्व आता है तो यमुना सफाई पर राजनीति करती है पर यमुना लगातार पहले से ज़्यादा प्रदूषित होती जा रही है और त्योहार के समय लोग यमुना किनारे भी नही जा पाते।

हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि प्रदूषण सेस के नाम पर वसूल किए गए 1000 करोड़ रुपया भी यमुना सफ़ाई और अन्य कारणों से प्रदूषित हो रही दिल्ली पर ख़र्च किए जाने थे लेकिन अभी तक उन पैसों का क्या हुआ इसका हिसाब केजरीवाल सरकार हो या वर्तमान की आतिशी मार्लेना सरकार नहीं दे पा रही है। दिल्ली के माननीय उपराज्यपाल महोदय ने जब यमुना सफ़ाई को लेकर काम शुरू किया तो केजरीवाल सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई एक तरफ़ यमुना सफ़ाई की बात करते हैं और दूसरी तरफ़ जब यमुना सफ़ाई करने की शुरुआत होती है तो सुप्रीम कोर्ट जाकर आम आदमी पार्टी सरकार इसपर रोक लगवा देती है क्योंकि केजरीवाल सरकार के लि‌ये यमुना की सफ़ाई हमेशा ही राजनीति का विषय रहा है।

हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि दिल्लीवासियों को सेहत के साथ खिलवाड़ करने वाली आम आदमी पार्टी सरकार लगातार लोगों को भ्रमाने का काम कर रही है। यमुना के अंदर गिरने वाले 18 बड़े नाले और कुल 32 नाले जहाँ गिरते हैं वहाँ पर एस.टी.पी. प्लांट लगाने थे लेकिन केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा दिए गए पैसों का सिर्फ़ विज्ञापन में और अपना चेहरा चमकाने में ख़र्च कर डाला। केजरीवाल की दिल्ली सिर्फ़ होर्डिंग्स और पोस्टर्स में ही साफ़ होती हुई दिखाई दे रही है क्यों की ज़मीनी हक़ीक़त आज आप सभी स्वयं कालिंदी कुंज यमुना नदी के किनारे खड़ा होकर देख रहे हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यमुना जब हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करती है तो उसका ऑक्सीजन कंटेंट नाइन होता है लेकिन दिल्ली पार करने के बाद ज़ीरो हो जाता है जो कि किसी के लिए भी ख़तरनाक है। 85 हज़ार करोड़ रुपय की थी बजट वाली दिल्ली सरकार अभी तक यमुना को लेकर क्या ये हैं इसकी जानकारी उन्हें दिल्लीवासियों को देनी चाहिए। हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में दिल्लीवासी दिल्ली के राजनीतिक प्रदूषण को ख़त्म करने का मन बना चुके हैं और इस बार भाजपा को सत्ता सौंपने वाले हैं।

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