सोशल संवाद / डेस्क; राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने राज्य की जनता को एक उपहार देने की तैयारी में है। इन्हीं प्रयासों के तहत राज्य में रिम्स-2 (RIMS-2) का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा। अगले दो वर्षों में यह परियोजना पूरा होकर जनता को समर्पित कर दी जाएगी।
डॉ. अंसारी रांची के रेडिसन ब्लू होटल में आयोजित AHPI कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में राज्यभर के निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि, चिकित्सक और प्रबंधक उपस्थित थे. इस कॉन्क्लेव का आयोजन आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के अंतर्गत लंबित सरकारी भुगतान से जुड़े मुद्दों को लेकर किया गया था।
डॉ. इरफान अंसारी ने अपने संबोधन में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि कुछ निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना का गलत तरीके से लाभ उठा रहे हैं. कई अस्पताल मरीजों के कार्ड स्वाइप कर पूरा पैसा ले लेते हैं और इलाज किए बिना मरीजों को रिम्स रांची रेफर कर देते हैं. यह व्यवहार न केवल योजनाओं के मूल उद्देश्य के खिलाफ है, बल्कि गरीबों के अधिकारों का भी उल्लंघन है. उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषी अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
कॉन्क्लेव में भाग ले रहे निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों द्वारा लंबित बिलों का मुद्दा उठाए जाने पर डॉ. अंसारी ने आश्वासन दिया कि सरकार इस विषय को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने बताया कि नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट (NAFU) द्वारा 212 अस्पतालों की जांच चल रही है, जिसके कारण कुछ भुगतान में देरी हुई है. इसके अतिरिक्त, अन्य 350 अस्पतालों के बिल नई पोर्टल प्रणाली में तकनीकी अड़चनों की वजह से रुके हुए हैं. विभाग लगातार राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) से संपर्क में है और जल्द ही समाधान निकाला जाएगा.
इस अवसर पर राज्य के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने जानकारी दी कि झारखंड की नवजात और मातृ मृत्यु दर, राष्ट्रीय औसत से थोड़ी कम है, जो एक सकारात्मक संकेत है. उन्होंने बताया कि राज्य में फिलहाल लगभग 15,500 अस्पताल बेड हैं, और हर वर्ष सरकार द्वारा 2,000–3,000 नए बेड जोड़े जा रहे हैं. आने वाले वर्षों में राज्य का लक्ष्य एक लाख अस्पताल बेड तक पहुँचने का है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं और सुदृढ़ होंगी.