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स्वस्थ शुरुआत, आशाजनक भविष्य: मातृ और शिशु स्वास्थ्य का महत्व : डॉ. प्रीति श्रीवास्तव,

By Riya Kumari

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Healthy beginnings, promising futures

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सोशल संवाद / जमशेदपुर: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर वर्ष लगभग 3 लाख महिलाओं की जान गर्भावस्था या प्रसव के दौरान आने वाली जटिलताओं के कारण चली जाती है। वहीं, 20 लाख से अधिक नवजात शिशु अपने जीवन के पहले ही महीने में दम तोड़ देते हैं, और लगभग 20 लाख शिशु मृत अवस्था में जन्म लेते हैं। यह आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं—मतलब हर सात सेकंड में एक ऐसी जान जाती है, जिसे समय रहते बचाया जा सकता था।

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ये आंकड़े दर्शाते हैं कि मातृ और नवजात स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त और सुलभ बनाना समय की सख्त जरूरत है। “स्वस्थ शुरुआत, आशाजनक भविष्य” अभियान का मकसद सिर्फ जागरूकता फैलाना नहीं, बल्कि एक ऐसी सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना है जो माताओं और नवजात शिशुओं के जीवन को बेहतर बना सके। यह अभियान प्रभावी नीतियों, संसाधनों और निवेश के माध्यम से एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य की दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील करता है।

“स्वस्थ शुरुआत, आशाजनक भविष्य” इस बात पर ज़ोर देता है कि जीवन की शुरुआत में मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाएं पूरे जीवन के सुखद और स्वस्थ भविष्य की नींव रखती हैं। एक डॉक्टर के रूप में हमारा सामूहिक दायित्व है कि हम हर बच्चे को ऐसा मजबूत स्वास्थ्य आधार दें, जिससे वह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से संपूर्ण रूप से विकसित हो सके और एक बेहतर दुनिया में आगे बढ़ सके।

एक बच्चे की सेहत की कहानी उसके जन्म से नहीं, बल्कि मां के गर्भ में उसके अस्तित्व के साथ ही शुरू हो जाती है। इस सफर में स्त्री रोग विशेषज्ञों की भूमिका नींव जैसी होती है। वे न सिर्फ मां के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं, बल्कि भ्रूण के सुरक्षित और स्वस्थ विकास को भी सुनिश्चित करते हैं। गर्भधारण से पहले की काउंसलिंग, गर्भावस्था के दौरान देखभाल और सुरक्षित प्रसव की दिशा में उनका योगदान मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के साथ-साथ संपूर्ण परिवार के बेहतर स्वास्थ्य भविष्य की राह तैयार करता है।

जैसे ही एक बच्चे का जन्म होता है, उसकी सेहत की बागडोर बाल रोग विशेषज्ञों के हाथों में आ जाती है। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि नवजात शिशुओं और बच्चों को विकास के हर चरण पर आवश्यक चिकित्सकीय देखभाल मिले। जीवन के शुरुआती वर्षों में किया गया सही हस्तक्षेप भविष्य की सेहत को गहराई से प्रभावित करता है—यह न केवल बच्चे को बीमारियों से बचाता है, बल्कि उसके पूरे जीवनकाल में बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करता है और वयस्क अवस्था में होने वाली गंभीर बीमारियों के बोझ को काफी हद तक कम करता है।

एक स्वस्थ शुरुआत ही आशाजनक भविष्य की नींव रखती है। समाज के विभिन्न स्तरों पर समन्वय और सहयोग यह सुनिश्चित करता है कि गर्भधारण सुरक्षित हो, नवजात को सर्वोत्तम देखभाल मिले, और बच्चों का समग्र विकास हो सके। जब हम मातृ और शिशु स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हैं, तो हम न सिर्फ वर्तमान की पीड़ा को कम करते हैं, बल्कि एक ऐसी पीढ़ी के लिए मार्ग प्रशस्त करते हैं जो अधिक स्वस्थ, सशक्त और भविष्य की चुनौतियों के लिए बेहतर रूप से तैयार हो।

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 के अवसर पर आइए हम इस महत्वपूर्ण संदेश को और मजबूती से अपनाएं कि जीवन की शुरुआत में किया गया स्वास्थ्य निवेश, पूरे जीवन की सेहत को दिशा देता है। शुरुआती वर्षों में दी गई सही देखभाल न केवल व्यक्ति को बीमारियों से बचाती है, बल्कि एक संपूर्ण और समृद्ध जीवन की नींव रखती है। अगर आज हम बच्चों को स्वस्थ जीवन की शुरुआत दे सकें, तो हम न केवल उनके लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक उज्जवल, सशक्त और रोगमुक्त भविष्य की राह बना सकते हैं।

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