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हेमंत सोरेन का 50वां जन्मदिन: संघर्ष और नेतृत्व की कहानी

By Tamishree Mukherjee

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Hemant Soren's 50th birthday

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सोशल संवाद / डेस्क : 10 अगस्त 2025 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 50 वर्ष के हो गए। यह दिन उनके लिए भावनात्मक रहा, क्योंकि वे अपने पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद शोक में हैं। पिछले वर्ष 2024 में भी उनका जन्मदिन जेल में बीता था, जब वे कथित भूमि घोटाले के मामले में गिरफ्तार थे।

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जन्म और प्रारंभिक जीवन

हेमंत सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 को रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में हुआ। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा बोकारो से प्राप्त की और बीआईटी मेसरा, रांची से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की, लेकिन बड़े भाई दुर्गा सोरेन के असामयिक निधन के बाद पढ़ाई छोड़कर सक्रिय राजनीति में आ गए।

राजनीतिक सफर की शुरुआत

  • 2009: राज्यसभा सांसद बने।
  • 2009: दुमका विधानसभा सीट से जीत।
  • 2013: झारखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने, हालांकि कार्यकाल 17 महीने का रहा।

दूसरी पारी और योजनाएं

2019 में झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन की जीत के बाद वे दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। उनके कार्यकाल में आदिवासी कल्याण, ग्रामीण विकास और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर खास ध्यान दिया गया।
मैया सम्मान योजना जैसी पहल से लाखों महिलाओं को आर्थिक लाभ मिला।

जेल और वापसी

जनवरी 2024 में ईडी ने उन्हें कथित भूमि घोटाले में गिरफ्तार किया, जिसे उन्होंने राजनीतिक साज़िश बताया। पांच महीने बाद, जून 2024 में झारखंड उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दी। नवंबर 2024 में झामुमो के नेतृत्व में गठबंधन ने 56 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की और 28 नवंबर 2024 को उन्होंने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

हेमंत सोरेन का सफर एक युवा छात्र से चार बार के मुख्यमंत्री बनने तक का है, जिसमें संघर्ष, चुनौतियां और जनसेवा का अनोखा मिश्रण है। 50 वर्ष की उम्र में भी वे झारखंड की राजनीति में एक मजबूत और निर्णायक नेता बने हुए हैं।

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