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सिपाही बहाली में 10 KM नही,अब सिर्फ 1.6 Km की दौड़, झारखंड के मेडिकल स्टूडेंट्स को भी हेमंत सोरेन की बड़ी सौगात

By Tamishree Mukherjee

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सोशल संवाद/रांची : झारखंड में सभी तरह की सिपाही बहाली को लेकर हेमंत सोरेन सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इससे राज्य के वैसे युवाओं को फायदा मिलेगा, जो सिपाही बनना चाहते हैं. पिछले दिनों उत्पाद सिपाही बहाली दौड़ में 12 प्रतिभागियों की मौत को देखते हुए पुलिस, उत्पाद सिपाही, कक्षपाल, होमगार्ड आदि सभी तरह की बहाली परीक्षा में दौड़ की सीमा कम कर दी गयी है. अब प्रतिभागियों को 60 मिनट में 10 किलोमीटर नहीं, बल्कि छह मिनट में पुरुषों को 1600 मीटर (एक मील) और महिलाओं को 10 मिनट में 1600 मीटर की दौड़ लगानी होगी.

31 प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर

बुधवार को कैबिनेट की हुई बैठक में झारखंड राज्य के पुलिस, कक्षपाल, सिपाही (गृह रक्षा वाहिनी), उत्पाद सिपाही संयुक्त भर्ती नियमावली 2025 के गठन से संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गयी है. बैठक में कुल 31 प्रस्तावों पर मुहर लगायी गयी. उत्पाद बहाली की शैक्षणिक योग्यता 10वीं या मैट्रिक पास रखी गयी है. शारीरिक माप इडब्ल्यूएस, पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग के लिए न्यूनतम ऊंचाई 160 सेमी, सीना 81 सेमी रखी गयी है. एसटी-एससी वर्ग के लिए ऊंचाई 155 एवं सीना 79 सेमी रखी गयी है. महिलाओं को छूट देते हुए ऊंचाई 148 सेमी रखी गयी है.

झारखंड के मेडिकल कॉलेज से पीजी की पढ़ाई करनेवाले छात्रों को छूट

सरकार ने झारखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई करनेवाले छात्रों को छूट दी है. झारखंड से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों को राज्य में तीन साल की सेवा देना अनिवार्य है. अगर कोई छात्र इस अवधि में झारखंड की सेवा छोड़ कर बाहर जाना चाहता था, तो उसे 30 लाख रुपये तथा छात्रवृत्ति एवं अन्य भत्ते एक साथ वापस करना अनिवार्य था. अब अगर कोई पीजी उत्तीर्ण छात्र सिर्फ दो ही साल की सेवा देकर बाहर जाना चाहता है, तो उसे शेष 12 महीने के लिए शुल्क देना होगा. उदाहरण के रूप में उसे प्रतिमाह 125000 रुपये की दर से 12 महीने के लिए 15 लाख रुपये का भुगतान करना होगा. इसी तरह तीन साल में जितनी अवधि बची रहेगी, उसे 1.25 लाख प्रति माह के गुणक से भुगतान करना होगा.

कोयले पर प्रति मीट्रिक टन 250 और आयरन ओर पर 400 रुपये सेस

सरकार ने झारखंड खनिज आधारित उपकर अधिनियम में संशोधन का फैसला किया है. अब कोल बीयरिंग एक्ट के तहत डिस्पैच होने वाले कोयले पर 100 रुपये मीट्रिक टन की जगह 250 रुपये एवं आयरन ओर पर 100 रुपये की जगह 400 रुपये प्रति मीट्रिक टन का सेस लगेगा. राज सरकार को शेष में वृद्धि होने से प्रतिवर्ष 15000 करोड़ रुपये तक राजस्व प्राप्ति का अनुमान है. इसके अलावा अन्य खनिजों पर भी शेष में वृद्धि की गयी है. बॉक्साइट धारित भूमि पर 70 की जगह 100 रुपये तथा लाइम स्टोन धारित भूमि पर 50 रुपये की जगह 100 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से सेस लगेगा. इसके अलावा लाइम स्टोन पर 40 रुपये/ मीट्रिक टन की दर है. सोना पर लंदन बुलियन मार्केट की दर पर दो प्रतिशत सेस की दर होगी. वहीं कॉपर पर 2.31 प्रतिशत, ग्रेफाइट पर 12.50 रुपये व कायनाइट पर 121 रुपये/ मीट्रिक टन सेस की दर होगी. वहीं यूरेनियम पर यूसिल के वार्षिक मुआवजे की राशि पर एक प्रतिशत सेस की दर होगी.

आंधीतूफान और लू आपदा में शामिल

राज्य सरकार ने आंधी-तूफान और लू को स्थानीय आपदा की श्रेणी में शामिल कर लिया है. अब इन आपदाओं में जान गंवाने वाले लोगों के आश्रितों को सरकार गृह मंत्रालय भारत सरकार के मापदंड के अनुरूप मुआवजा एवं सहायता राशि प्रदान करेगी.

कोयला रॉयल्टी दर में संशोधन

सरकार ने झारखंड राज्य के अधीन आनेवाली विभिन्न खनन कंपनियों पर कोयला खनिज पर रॉयल्टी के वसूली नियमों में बदलाव किया है. सरकार का मानना है सरकारी कंपनियां बहुतायत में करीब 85 प्रतिशत कोयले का प्रेषण पावर एवं अन्य रेगुलेटेड सेक्टर के उद्योगों के लिए करती है. कोयला खनिज के विक्रय मूल्य का 14 प्रतिशत रायल्टी मद में राज्य सरकार को प्राप्त होता है. अब इसमें संशोधन करते हुए निर्धारित मूल्य के आधार पर ही कंपनियों द्वारा पावर सेक्टर को भेजे जानेवाले कोयला खनिज पर श्रेणीवार रॉयल्टी वसूल की जायेगी.

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