सोशल संवाद/डेस्क: भारत में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. साइबर अपराधी नये-नये तरीके अपनाकर लोगों की कमाई पर सेंध लगा रहे हैं.नये तरीके के तहत आपको एक मैसेज भेजा जाता है जो बैंक से भेजा हुआ लगता है.जैसे ही आप लिंक पर क्लिक करते हैं, बिना किसी OTP के आपके खाते से पैसे चोरी हो जाते हैं.
बिना OTP कैसे निकल रहे हैं पैसे?
साइबर अपराधी बिना OTP आपके खाते से पैसे निकालने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। आइए एक-एक करके इन सभी तरीकों पर नज़र डालते हैं।
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केस 1
साइबर ठग आपको फोन करके बताते हैं कि आपका एकाउंटेंट हैक किया जा रहा है। इसके कुछ ही मिनट बाद एकाउंटेंट बैलेंस शून्य होने का मैसेज आपके मोबाइल पर आ जाता है। ऐसे में आप घबरा जाते हैं और साइबर ठगी का नया खेल यहां से शुरू होता है।
दरअसल, लोगों को जब इस बात की जानकारी होती है कि उनके खाते का बैलेंस शून्य हो चुका है, तो वो अपनी रकम वापस पाने के लिए ठगों के आगे गिड़गिड़ाते हैं। OTP मिलते ही ठग रकम को अपने खाते में ट्रांसफर कर अपने मकसद में सफल हो जाते हैं। इस दौरान ओटीपी मिलते ही वे एफडी से रकम सीधे अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं। यदि आप OTP नहीं बताते हैं तो आपके पैसे सुरक्षित हैं और 12 घंटों के अंदर आपके खाते में वापस आ जाते हैं।
केस 2
साइबर ठग आपको फोन कर आपको जानकारी देते हैं कि आपका पेटीएम या फोनपे आदि का केवाईसी वेरिफिकेशन नहीं हुआ है और अगर आप केवाईसी नहीं कराते हैं तो आपका खाता बंद कर दिया जाएगा। ऐसे में लोग ठग की बातों का यकीन कर लेते हैं और उनसे आगे का प्रोसेस पूछते हैं।
कई बार लोग उन्हें घर पर आकर KYC वेरिफिकेशन के लिए कहते हैं, लेकिन कोरोना महामारी का बहाना बनाते हुए ठग ऑनलाइन वेरिफिकेशन पर ज़ोर डालते हैं। इसके बाद वे आपसे क्विक सपोर्ट, टीम व्यूवर आदि एप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं और आपसे आईडी पूछकर आपका फोन हैक कर लेते हैं।
इसके बाद वे आपसे किसी दूसरे अकाउंट से पेटीएम या फोनपे आदि में एक रुपया डलवाते हैं और पैसे डालते ही उनका काम पूरा हो जाता है। क्योंकि आपका फोन हैकर्स ने हैक कर लिया होता है तो उन्हें आपके क्रेडिट कार्ड का पिन पता चल जाता है, जिसके बाद वे ट्रांजैक्शन कर आपके खाते से पैसे निकालने में सफल हो जाते हैं।
केस 3
आपके ई-मेल पर अक्सर ऑफर्स और ईनाम जीतने के मेल आते हैं। इन पर क्लिक करते ही आपसे आपके खाते से जुड़ी जानकारी मांगी जाती है। जानकारी मिलते ही हैकर्स फिशिंग के माध्यम से आपके खाते से पैसे उड़ाने में कामयाब हो जाते हैं। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त अच्छी तरह से जांच लें कि वेबसाइट सिक्योर है या नहीं। साथ ही आक्सीजन लेवल, ब्लड प्रेशर आदि जांचने का दावा करने वाली एप को डाउनलोड न करें। इस एप के जरिए आपसे आपका अंगूठा या उंगलियां रखकर कॉपी करने के लिए कहा जाएगा और आपके आधार से जुड़े बैंक खाते से पैसे उड़ जाएंगे।
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतें:
1- आधार और बैंक अकाउंट से लिंक मोबाइल नंबर किसी के साथ साझा न करें।
2- किसी भी शख्स को ओटीपी, पासवर्ड या कस्टमर आईडी जैसी डिटेल नहीं बताएं।
3- किसी को भी डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का नंबर, सीवीवी आदि न बताएं।
4- ई-कॉमर्स वेबसाइट को सावधानी से यूज करें क्योंकि यहां से ठग आपकी क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल कॉपी कर लेते हैं।
5- एसएमएस या मेल पर आई हुई कोई भी ऑफर्स और ईनाम संबंधित लिंक न खोलें।
6- किसी भी अंजान व्यक्ति के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने से बचें।
7- टीम व्यूवर या क्विक सपोर्ट जैसी एप डाउनलोड करने से बचें।